नई दिल्ली । भारत और यूरोपीय संघ के बीच 15 जुलाई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समिट होगा। इस दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स माइकल और यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर करेंगे। जबकि भारत की ओर से प्रधनमंत्री मरेन्द्र मोदी प्रतिनिधित्व करेंगे। यूरोपीय परिषद का कहना है कि यह समिट यूरोपीय संघ और भारत के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने का अवसर देगा।
उम्मीद है कि नेतागण प्रभावी बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने और संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के संदर्भ में, नियमों पर आधारित एक बहुपक्षीय व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराएंगे।
इस दौरान सुरक्षा, जलवायु, पर्यावरण, व्यापार और निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था तथा संपर्क (कनेक्टिविटी) जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा होगी।
इस समिट में यूरोपीय संघ और भारत के बीच साझा सिद्धांतों और कानून के शासन, स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल्यों के आधार पर रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने का एक अवसर मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि यह समिट मार्च में होना था, भारत के प्रधानमंत्री इस समिट के भाग लेने के लिए मार्च में ब्रुसेल्स जाने वाले थे लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।
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