नई दिल्ली । प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा कि भारत और मिस्र (India and Egypt) विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से हैं (Are among the Oldest Civilizations in the World) । हमारे बीच (Among Us) हज़ारों वर्षों का (Thousands Years) अनवरत नाता रहा है (Have been in Constant Contact) । चार हजार वर्षों से भी पहले, गुजरात के लोथल पोर्ट के माध्यम से मिस्र के साथ व्यापार होता था और विश्व में विभिन्न परिवर्तन के बावजूद हमारे संबंधों में स्थिरता रही है ।
प्रधानमंत्री मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में दोनों देशों के बीच डाक टिकटों के आदान-प्रदान के साक्षी बने। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और उनके डेलिगेशन का भारत में स्वागत करता हूं। कल हमारे गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। ये पूरे भारत के लिए सम्मान और हर्ष का विषय है ।
इस वर्ष भारत ने जी 20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया है जो हमारी विशेष मित्रता को दर्शाता है । हमने आज अपने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को और मज़बूत करने आतंकवाद विरोधी संबंधी सूचना एवं इंटेलिजेंस का आदान-प्रदान बढ़ाने का भी निर्णय लिया है ।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मिस्र आतंकवाद को लेकर चिंतित हैं। दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि सीमा पार आतंकवाद को नियंत्रित करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और इसके लिए हम साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सचेत करने का प्रयास करते रहेंगे । हमने मिलकर तय किया कि अगले 5 वर्षों में अपने देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 12 बिलियन डॉलर तक ले जाएंगे ।
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