नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) और कनाडा (Canada) समन्वित निवेश बढ़ाने (increase coordinated investment), सूचना आदान-प्रदान, कुशल कामगारों, पेशेवरों तथा छात्रों की आवाजाही (Movement of Professionals and Students) को लेकर बातचीत में तेजी लाने पर सहमति जताई है। दोनों देश यह मानते है कि द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत (strengthen bilateral economic ties) बनाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
व्यापार और निवेश पर भारत-कनाडा के बीच छठी मंत्रिस्तरीय वार्ता बुधवार को कनाडा में हुई। वार्ता के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कनाडा की अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निर्यात संवर्धन, लघु उद्यम तथा आर्थिक विकास मंत्री मैरी एनजी ने बैठक में व्यापक व्यापार समझौते के महत्व पर जोर दिया।
बयान के मुताबिक गोयल और एनजी के बीच कृषि वस्तुओं, रसायन, हरित प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा, वाहन, स्वच्छ ऊर्जा तथा इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने पलायन और आवाजाही पर बातचीत बढ़ाने पर सहमति जताई है। इसके साथ ही दोनों मंत्रियों ने महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर सरकार के स्तर पर तालमेल के महत्व पर सहमति जताई।
इस बीच मेरी एनजी ने भारत के जी-20 समूह की अध्यक्षता के प्रति कनाडा का समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने जी-20 व्यापार और निवेश कार्यसमूह में भारत द्वारा प्राथमिकताओं को जारी रखने का समर्थन किया। उन्होंने संकेत दिया कि वे भारत में अगस्त महीने में होने वाली निर्धारित आगामी जी-20 व्यापार और निवेश मंत्री स्तरीय बैठक में भाग लेने की इच्छुक हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल-फरवरी के दौरान कनाडा को 3.8 अरब डॉलर का निर्यात किया है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 3.76 अरब डॉलर रहा था। कनाडा से आयात वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों में 3.77 अरब डॉलर रहा जो वित्त वर्ष 2021-22 में 3.2 अरब डॉलर था। दरअसल भारत में लिथियम, टाइटेनियम, वैनेडियम, कोबाल्ट, निकल और ग्रेफाइट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की भारी मांग है।
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