नई दिल्ली (New Dehli)। इंडिया गठबंधन (india alliance)के लिए सीट शेयरिंग बड़ी चुनौती (Seat sharing is a big challenge)बनती जा रही है। पश्चिम बंगाल (West Bengal)में ममता बनर्जी ने एक भी सीट देने से इनकार (denied)कर दिया है। वहीं, पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भी अकेले लड़ने का ऐलान किया है। महाराष्ट्र में भी बंटवारे की राह आसान नहीं दिख रही है। कांग्रेस ने मुंबई की कुल छह सीटों में से तीन पर दावा ठोक दिया है। इसके कारण महा विकास अघाड़ी में शामिल एनसीपी और शिवसेना (उद्धव) के बीच आम सहमति नहीं बन पा रही है।
उद्धव ठाकरे की शिवसेना कांग्रेस के दावे को सिरे से खारिज कर दिया और केवल एक सीट देने के लिए तैयार है। आपको बता दें कि हाल ही में कांग्रेस के दिग्गज नेता मिलिंद देवड़ा ने इसी मुद्दे पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, कांग्रेस के एक शीर्ष नेता का कहना है कि 38 सीटों पर सहमति बन गई है। उन्हें इस बात की उम्मीद है कि 2 फरवरी को एमवीए की अगली बैठक में शेष सीटों पर अधिकांश विवादों का समाधान हो जाएगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर कोई फैसला नहीं होता है तो एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, यूबीटी सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और एआईसीसी पर्यवेक्षक रमेश चेन्निथला सीट बंटवारे को लेकर विवाद सुलझाएंगे। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछली एमवीए बैठक के दौरान, कांग्रेस नेताओं ने मुंबई की तीन सीटों (उत्तर-मध्य, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-मध्य ) पर दावा किया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से पूनम महाजन ने उत्तर-मध्य से, शिवसेना के उम्मीदवार गजाजन कीर्तिकर ने उत्तर-पश्चिम से और शिवसेना के ही राहुल शेवाले ने दक्षिण-मध्य सीट से जीत हासिल की थी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना इन सीटों को अपना गढ़ मानती है। उसने कांग्रेस को सिर्फ मुंबई उत्तर सीट की पेशकश की है।
एमवीए बैठक में बनी सहमति के मुताबिक, कांग्रेस के 14, यूबीटी सेना के 15 और एनसीपी (शरद पवार समूह) के 9 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है। अभी भी 10 सीटों पर विवाद है। विवादित सीटों में रामटेक, हिंगोली, वर्धा, भिवंडी, जालना, शिरडी, छत्रपति संभाजीनगर, सांगली और अमरावती शामिल हैं।
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