नई दिल्ली: सिंधु जल स्थाई आयोग (PCIW) के तहत भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के अधिकारियों के बीच हुई वार्षिक बैठक के दौरान भारत ने विभिन्न पश्चिमी पनबिजली परियोजनाओं (Western Hydropower Projects) पर पाकिस्तान को आंकड़े मुहैया कराने पर सहमति जताई है. मीडिया में गुरुवार को इस संबंध में सूचना आई है. PCIW के दो आयुक्तों ने तीन दिवसीय बैठक में एजेंडा में शामिल सभी विषयों पर चर्चा पूरी कर ली.
बातचीत बेहद सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई और इस महत्वपूर्ण चर्चा के निष्कर्ष पर घोषणा जल्द होने की संभावना है. डॉन अखबार के अनुसार, पाकिस्तान ने कुलां रामवाड़ी, फेब-2, तमाशा हाइड्रो, बाल्टीकुलां, डरबुक श्योक, नुम्मु चिलिंग, करगिल हंडरमैन, फगला और मंडी एचईपी सहित 10 परियोजनाओं पर आपत्ति जताई है.
अखबार के अनुसार, पाकिस्तान ने जिन 10 परियोजनाओं पर आपत्ति जताई है, उनमें से नौ लघु बिजली परियोजना के तहत 25 मेगावाट या उससे कम क्षमता की है. खबर के मुताबिक, इन लघु परियोजनाओं पर भारत ने कुछ आंकड़े मुहैया कराए हैं, लेकिन तकनीकी तथा अन्य कारणों से वे पाकिस्तान को स्वीकार्य नहीं हैं. खबर के अनुसार, भारतीय पक्ष ने बताया कि लघु परियोजनाओं के संबंध में प्रांतों और राज्य की सरकारें सामान्य रूप से डिजाइन और इंजीनियरिंग की पूरी जानकारी नहीं रख पाती हैं.
पाकिस्तान ने कुछ परियोजनाओं पर जताई आपत्ति
इसमें आगे बताया गया कि वह 1960 सिंधु जल संधि के तहत आवश्यक जानकारी मुहैया कराने के लिए संबंधित एजेंसियों से संपर्क करेंगे. अखबार के अनुसार, पाकिस्तान ने इन परियोजनाओं से जुड़ी 15-20 और आपत्तियां भारत के समक्ष उठाई हैं. भारतीय पक्ष खुले दिमाग से आपत्तियों की जांच करने के लिए सहमत हुआ है. भारत अतिरिक्त डेटा के साथ आपत्तियों पर अपने दृष्टिकोण की पुष्टि करने और दो सप्ताह के भीतर अपनी प्रतिक्रिया देने पर सहमत हुआ है.
पाकिस्तानी टीम द्वारा दौरे की व्यवस्था करने पर भी सहमत हुआ पाक
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत इस साल के अंदर पाकिस्तानी टीम द्वारा दौरे की व्यवस्था करने पर भी सहमत हुआ. सिंधु जल के लिए पाकिस्तान के आयुक्त मेहर अली शाह ने पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व किया जिसमें जल और बिजली विकास प्राधिकरण, मौसम विभाग, पंजाब सिंचाई, संघीय बाढ़ आयोग, नेस्पाक और विदेश मामलों के मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे.
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