नई दिल्ली: भारत से बार-बार फटकार खाने के बाद भी कनाडा सुधरने का नाम नहीं ले रहा. जस्टिन ट्रूडो की सरकार बार-बार भारत विरोधी बयान दे रही है. कनाडा कभी भारत पर झूठा आरोप लगाता है तो कभी मनगढ़ंत कहानी सुनाता है. अब कनाडा की सरकार ने आरोप लगाया कि कनाडा में एक मामले की जांच में भारतीय उच्चायुक्त और राजनायिक संजय कुमार वर्मा शामिल हैं. अब कनाडा के इस आरोप को भारत ने सिरे से खारिज किया है. भारत ने भारतीय राजनयिकों और भारतीय उच्चायुक्तों की संलिप्तता को बेतुका आरोप बताया.
कनाडा के आरोपों पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ा रिएक्शन दिया है. मंत्रालय ने कनाडा के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है. साथ ही कहा है कि भारत आगे उचित कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है. विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘हमें कल कनाडा से एक राजनयिक पत्र मिला है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में एक जांच से संबंधित मामले में ‘रुचि रखने वाले व्यक्ति’ हैं. भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को सिरे से खारिज करती है और उन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित मानती है जो वोट बैंक की राजनीति के इर्द-गिर्द केंद्रित है.’
दरअसल, कनाडा सरकार ने एक जांच के मामले में भारतीय उच्चायुक्त और भारतीय राजनयिकों को जांच के दायरे में माना है. इस संदर्भ में भारत सरकार को कनाडा सरकार ने पत्र लिखा है. इसी पत्र के जवाब में भारत सरकार ने कनाडा को फटकारा और उसके आरोप को खारिज किया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमें कल कनाडा से एक राजनयिक संचार प्राप्त हुआ है जिसमें बताया गया है कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में एक जांच से संबंधित मामले में Persons of Interest हैं. भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को दृढ़ता से खारिज करती है और इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे के लिए जिम्मेदार ठहराती है, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है.
भारत सरकार ने आगे कहा, ‘चूंकि प्रधान मंत्री ट्रूडो ने सितंबर 2023 में कुछ आरोप लगाए थे. हमारी ओर से कई अनुरोधों के बावजूद कनाडाई सरकार ने भारत सरकार के साथ सबूत का एक टुकड़ा भी साझा नहीं किया है. यह नवीनतम कदम उन बातचीतों के बाद उठाया गया है जिनमें एक बार फिर बिना किसी तथ्य के दावे सामने आए हैं. इससे इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता है कि जांच के बहाने राजनीतिक लाभ के लिए भारत पर कीचड़ उछालने की एक सोची-समझी रणनीति है.
भारत सरकार की ओर से यह खंडन ऐसे वक्त में आया है, जब पिछले साल सितंबर में जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि भारत के खिलाफ बयान दिया था. उन्होंने हरदीप सिंह निज्जर हत्या में भारतीय एजेंट के शामिल होने का आरोप लगाया था. इसके बाद से भारत-कनाडा संबंधों में खटास आ गई है. भारत ने कनाडा सरकार के उस आरोप को भी खारिज किया था और कहा था कि आरोपों को साबित करने के लिए सबूत दे.
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