न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद की एक बैठक में गुरुवार को भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को जमकर धो दिया। भारत ने कहा है कि जो देश अपने तुच्छ राजनैतिक फायदे के लिए पड़ोसी देशों में आतंकवाद फैलाते हैं, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। माना जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान का नाम लिए उसी पर निशाना साधा है। भारत ने ये भी कहा कि अब दुनिया के देशों को आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़े होना चाहिए। भारत ने सुरक्षा परिषद की इस बैठक में परोक्ष रूप से चीन की भी सीमा समझौतों का उल्लंघन करने के लिए आलोचना की।
गुरुवार को जापान की अध्यक्षता में सुरक्षा परिषद में खुली चर्चा हुई। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून का शासन होना चाहिए, जिससे देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को आक्रामकता, आतंकवाद से कोई खतरा ना रहे। यह तभी संभव होगा, जब सब देश आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए साथ आएं। कंबोज ने कहा कि राजनैतिक फायदे के लिए दोहरे मापदंड नहीं अपनाए जाने चाहिए।
रुचिरा कंबोज ने कहा कि कानून का शासन तभी लागू हो सकता है जब सभी देश एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें, उसी तरह जैसे वह खुद अपनी संप्रभुता के लिए सम्मान चाहते हैं। भारतीय राजदूत ने बातों ही बातों में चीन को भी निशाने पर ले लिया। उन्होंने कहा कि समझौतों का पालन कानून के शासन की पहली शर्त है। मतलब दो देशों के बीच जो समझौते होते हैं, उनका पालन किया जाना चाहिए और उसमें बदलाव के लिए एकतरफा कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र के महसचिव एंटोनियो गुतारेस भी शामिल हुए। इस दौरान गुतारेस ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया में इन दिनों कानून का राज कमजोर हुआ है। हर देश और क्षेत्र में आम नागरिकों को बड़े परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। इंसानों की जान जाना, गरीबी और भुखमरी में बढ़ोतरी हुई है। कुछ देश बेशर्मी के साथ परमाणु हथियारों का गैरकानूनी रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं। गुतारेस ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया में बहुत बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो गया है। किसी भी देश को अपनी सीमा में मिलाना इंटरनेशनल लॉ का उल्लंघन है।
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