नई दिल्ली(New Delhi) । एक निर्दलीय सांसद(Independent MPs) के समर्थन के बाद लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Elections) में कांग्रेस पार्टी की सेंचुरी (Century of Congress party)पूरी हो गई है। अपने दम पर कांग्रेस इस चुनाव (Election)में 99 सीटें जुटा पाई थी। वहीं महाराष्ट्र की सांगली सीट से जीते निर्दलीय प्रत्याशी विशाल पाटिल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलकर अपना समर्थन उन्हें दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को अपना समर्थन पत्र सौंपा है। बता दें कि पाटिल पहले ही कांग्रेस के टिकट पर इस सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। हालांकि सीट शेयरिंग में यह सीट उद्धव ठाकरे को मिल गई। इसके बाद उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतरना पड़ गया।
पाटिल ने सांगली सीट पर एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है। इस सीट पर बीजेपी ने संजय काका पाटिल को फिर से टिकट दिया था। वह पहले से भी यहां से सांसद थे। वहीं शिवसेना यूबीटी ने चंद्रहार पाटिल को इस सीट पर टिकट दिया था। बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पिछले दो चुनावों के मुकाबले काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। साल 2014 में कांग्रेस पार्टी 44 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। वहीं 2019 में कांग्रेस को 52 सीटें मिली थीं।
इस लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को कुल 234 सीटों पर जीत मिली है। बीजेपी को 2019 के मुकाबिल 1.1 फीसदी वोट का नुकसान हुआ है। 2014 के मुकाबले बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा है फिर भी सीटों का नुकसान हो गया। 2014 के मुकाबले इस बार बीजेपी को 42 सीट कम मिली है। इंडिया गठबंधन में वोटों का बिखराव कम होने की वजह से बीजेपी को सीटों का नुकसान हुआ है। वहीं बीजेपी के कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को भी करारा झटका लगा है।
चुनाव में भले ही कांग्रेस दो अंकों में ही रह गई लेकिन निर्दलीय सांसद का समर्थन मिलते ही यह आंकड़ा तीन अंकों में पहुंच गया है। महाराष्ट्र की बात करें तो इस बार एनडीए 17 सीटों पर ही सिमट गई। वहीं कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एसीपी शरदचंद्र पवार ने मिलकर 30 सीटों पर कब्जा कर लिया। यूपी के बाद महाराष्ट्र में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी को 48 में से 9 सीटें, एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 7 और अजित पवार की एनसीपी को केवल एक ही सीट मिली है। कांग्रेस को 13, शिवसेना यूबीटी को 9 और एनसीपी शरद को 8 सीटों पर जीत हासिल हुई है।
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