Indecision, on AB Road, elevated, bridge, continues
न अफसर, न जनप्रतिनिधि ले रहे फैसला, ढाई साल से उलझा है प्रोजेक्ट
इंदौर। एबी रोड पर एलिवेटेड ब्रिज बनाने को लेकर अनिर्णय की स्थिति अब भी बरकरार है। शहर के जागरूक जनप्रतिनिधि और प्रदेश सरकार के कर्मठ अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि इस प्रोजेक्ट का करना क्या है? ब्रिज बनाने या ना बनाने को लेकर अभी भी असमंजस कायम है। पीडब्ल्यूडी ने ब्रिज निर्माण के लिए जो ठेका दिया था, उसकी अवधि 17 फरवरी 2023 को खत्म हो चुकी है। तब से अब तक साढ़े चार महीने से ज्यादा का समय गुजर चुका है।
पीडब्ल्यूडी ने लगभग ढाई साल पहले बीआरटीएस कॉरिडोर पर एमआर-9 चौराहे से नौलखा के बीच एलिवेटेड ब्रिज बनाने का ठेका गुजरात की कंपनी को दिया था। यह काम 306 करोड़ रुपए में किया जाना है और यह राशि केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय से मिलना है। पीडब्ल्यूडी और ठेकेदार कंपनी के बीच हुए अनुबंध में यह प्रावधान है कि यदि पीडब्ल्यूडी ब्रिज का काम शुरू नहीं करवा पाया, तो वह ब्रिज की लागत की 10 प्रतिशत राशि (लगभग 30.60 करोड़ रुपए) कंपनी को देगा। हालांकि, अब तक ठेकेदार कंपनी ने ऐसी कोई राशि का क्लेम नहीं मांगा है। कुछ समय पहले शहर के जनप्रतिनिधियों और अफसरों को बैठक हुई थी, जिसमें कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया।
विधानसभा चुनाव के कारण सब चुप
इसी साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। यही वजह है कि सिंगापुर टाउनशिप रेल ओवरब्रिज की तरह एलिवेटेड ब्रिज योजना भी हवा में झूल रही है। सूत्रों की माने तो अब तक तो शासन स्तर से एलिवेटेड ब्रिज को लेकर कोई दिशानिर्देश मिले हैं, न शहर के जनप्रतिनिधियों की तरफ से इस संबंध में कोई पहल हो रही है।
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