नई दिल्ली (New Dehli)। टीम इंडिया (team india)के बॉलिंग कोच पारस म्हाम्ब्रे (Bowling coach Paras Mhambrey)ने माना कि इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के दूसरे दिन रांची में असमतल उछाल (Day uneven bounce in Ranchi)ने उन्हें आश्चर्यचकित (Surprised)किया। पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने इसी के साथ कहा कि उन्हें केवल विकेट धीमा होने की उम्मीद थी। रांची में दूसरे दिन भारतीय बल्लेबाजों को इंग्लैंड के स्पिनरों के खिलाफ कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। शोएब बशीर और टॉम हार्टले ने मिलकर 6 भारतीय बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। भारतीय बैटिंग यूनिट में यशस्वी जायसवाल ही एकमात्र असरदार बल्लेबाज दिखे जिन्होंने अर्धशतक जड़ते हुए 73 रनों की पारी खेली। उनके अलावा कोई भी बैटर 40 रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाया।
दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद भारतीय बॉलिंग कोच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा कि उन्हें ऐतिहासिक रूप से उम्मीद थी कि पिच केवल धीमी होगी।
उन्होंने कहा, “हमने यहां पहले भी जो कुछ मैच देखे हैं, आमतौर पर दिन बढ़ने के साथ विकेट की प्रकृति धीमी होती जाती है। पहले भी यहां जो कुछ मैच खेले गए थे, उनमें विकेट की प्रकृति धीमी होती गई थी। इसलिए हमें इसकी उम्मीद थी। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो, हमें उम्मीद नहीं थी कि दूसरे दिन ही पिच इतनी नीचे खेलेगी।”
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पारस म्हाम्ब्रे ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि पहली पारी में भी कुछ गेंदें नीची रहीं। हमने इसकी उम्मीद नहीं की थी। हमें उम्मीद थी कि यह धीमी होगी, लेकिन परिवर्तनीय उछाल नहीं जैसा कि हमने पिछले कुछ दिनों में देखा है।”
भारतीय बॉलिंग कोच ने कहा कि इस तरह का विकेट तैयार करने में उनका कोई हाथ नहीं था और उन्होंने रांची के विकेट को ‘रैंक टर्नर’ होने की धारणाओं को खारिज कर दिया है।
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि आयोजन स्थल कुछ ऐसे हैं जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं। यह सीरीज के लिए आवंटित स्थल था। यहां का विकेट जिस तरह से खेलता है वह वैसा ही है। यह हमेशा रैंक-टर्नर नहीं रहा है। मैं रैंक-टर्नर कहूंगा भी नहीं क्योंकि यहां परिवर्तनशील उछाल था। मुझे नहीं लगता कि यहां ज्यादा गेंदें घूमी है जो अनप्लेबल थी। निश्चित रूप से परिवर्तनशील उछाल था, निचली तरफ परिवर्तनशील उछाल था, जिससे बल्लेबाजी करना मुश्किल हो गया।
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