नई दिल्ली। अहमदाबाद टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 10 विकेट से हरा दिया. हालांकि भारत की जीत से ज्यादा इस बात की चर्चा है कि ये मुकाबला महज दो दिन में खत्म हो गया. साथ ही खेल के दूसरे दिन 17 विकेट गिरे. पूरे मुकाबले में 30 में से 28 विकेट स्पिन गेंदबाजों को मिले. मैच खत्म होने के बाद कई दिग्गज खिलाड़ियों ने इस पिच पर सवाल खड़े किये.
युवराज सिंह, हरभजन सिंह, वीवीएस लक्ष्मण ने इस पिच को खराब बताया, वहीं पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इस पिच पर बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन को दोष दिया. इंग्लैंड के कप्तान जो रूट (Joe Root) ने कहा कि अहमदाबाद की पिच (Ahmedabad Pitch) सही थी या खराब ये आईसीसी तय करेगी. आइए आपको बताते हैं कि आखिर आईसीसी के पिच को लेकर क्या नियम हैं? किस पिच को खराब कहा जाता है? वहीं अगर पिच अगर खराब हो तो क्या सजा दी जाती है?
आईसीसी की वेबसाइट के मुताबिक खराब पिच एक ऐसा ट्रैक होता है जहां गेंद और बल्ले के बीच संतुलित मुकाबला ना हो. वेबसाइड के मुताबिक, ‘अगर पिच बल्लेबाजों के ज्यादा मुफीद हो और गेंदबाजों को जरा भी मदद नहीं मिल रही हो. या फिर पिच में ज्यादा स्पिन या सीम हो और बल्लेबाजों को रन बनाने का मौका ना मिल रहा हो तो उसे खराब पिच कहा जाता है. अगर पिच में स्पिनर्स को बहुत ज्यादा मदद मिल रही हो तो वो भी खराब पिच की श्रेणी में आती है. भारतीय उपमहाद्वीप में पहले दिन कुछ डिग्री तक गेंद घूमना गलत नहीं है लेकिन उसके साथ असमान उछाल नामंजूर है.’
इन पिचों को बताया गया खराब : साल 2018 में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच जोहानिसबर्ग टेस्ट मैच की पिच को खराब श्रेणी में रखा गया था. खेल के तीसरे दिन असमान उछाल की वजह से इस पिच पर सवाल खड़े हुए थे और खेल को रोकना तक पड़ा था. साल 2017 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पुणे टेस्ट में इस्तेमाल हुई पिच को भी खराब करार दिया गया था जबकि उसपर स्टीव स्मिथ ने शतक भी लगाया था और तेज गेंदबाज उमेश यादव ने चार विकेट भी झटके थे. अब अगर अहमदाबाद टेस्ट की बात करें तो यहां तेज गेंदबाजों को 30 में 2 विकेट मिले. 28 विकेट स्पिनर्स ने लिये और 17 विकेट तो एक ही दिन में गिर गए. अब आईसीसी इसे खराब पिच करार देती है या नहीं ये तो जल्द पता चल जाएगा.
खराब पिच होने पर क्या कार्रवाई होती है : खराब पिच होने पर उस मेजबानी स्थल पर दो साल तक का बैन लग सकता है. अगर कोई स्टेडियम पांच डीमेरिट अंक तक पहुंचता है तो आईसीसी उसकी मान्यता 12 महीने यानि एक साल तक बैन करती है. वहीं 10 डीमेरिट अंकों पर 2 साल तक उस स्टेडियम में मैच नहीं हो सकता.
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