नई दिल्ली। इंग्लैंड (England) के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा टेस्ट 12 अगस्त से लॉर्ड्स (Lord’s) में खेला जाएगा. लगातार बारिश के कारण शुरुआती टेस्ट ड्रॉ रहा था. भारत (India) को नॉटिंघम टेस्ट (Nottingham Test) के अंतिम दिन जीत के लिए 157 रन और बनाने थे, जबकि उसके 9 विकेट शेष थे. लेकिन लगातार बारिश के कारण एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी.
मौजूदा सीरीज के पहले टेस्ट में बारिश के कारण भारत (India) से जीत का मौका छिन गया. अब विराट ब्रिगेड (Virat Brigade) लॉर्ड्स में उतरेगी, जहां टीम इंडिया (Team India) अब तक (1932-2018) दो ही टेस्ट मैच जीत पाई है. आखिरी बार यहां भारत (India) को पारी और 159 रनों से हार झेलनी पड़ी थी. ऐतिहासिक लॉर्ड्स में पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए विराट ब्रिगेड के पास बड़ी चुनौती है.
चोटिल खिलाड़ियों की जगह लेने वाले सूर्यकुमार यादव और पृथ्वी शॉ नॉटिंघम में ही अपना पृथकवास पूरा कर रहे हैं. भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के भी लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान मौजूद रहने की खबर है क्योंकि ब्रिटेन की सरकार ने भारत (India) से आने वाले लोगों को ‘लाल’ सूची से हटा दिया है.
शॉ और सूर्यकुमार तीन अगस्त को नॉटिंघम में टीम से जुड़े थे. उनका 10 दिनों का पृथकवास 13 अगस्त को पूरा होगा. इसका यह मतलब हुआ कि वे 14 अगस्त से प्रैक्टिस शुरू कर सकेंगे और 25 अगस्त से लीड्स में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट में चयन के लिए उपलब्ध होंगे.
दूसरे और तीसरे टेस्ट के बीच नौ दिन के अंतर से निश्चित रूप से दोनों को अभ्यास और मैच के लिए तैयार होने का पर्याप्त मौका मिलेगा. इससे टीम प्रबंधन के पास अंतिम 11 के चयन के लिए अधिक विकल्प होगा. ब्रिटेन ने रविवार को भारत का नाम ‘लाल’ सूची से हटाकर ‘ऐंबर’ सूची में डालने के साथ ही देश के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी. जिसके बाद गांगुली लॉर्ड्स में दूसरा टेस्ट देखने के लिए मंगलवार को लंदन के लिए रवाना होने वाले हैं.
‘ऐंबर’ सूची का मतलब यह हुआ कि कोविड-19 (Covid19) टीके की सभी खुराकें ले चुके भारतीय यात्रियों के लिए अब ब्रिटेन पहुंचने पर 10 दिनों तक होटल में पृथकवास में रहना अनिवार्य नहीं होगा.
यह भी उम्मीद है कि सचिव जय शाह, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण धूमल सीरीज के दौरान किसी समय भारतीय टीम को खेलते हुए देखने के लिए ब्रिटेन में हो सकते हैं. बीसीसीआई के सूत्र ने बताया, ‘किसी भी पदाधिकारी के लिए 10 दिनों तक पृथकवास पर रहना काफी मुश्किल था क्योंकि इससे उनका व्यस्त कार्यक्रम प्रभावित होता.’
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