नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि कई देश रुपये में व्यापार शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश की बुनियाद मजबूत है और भारतीय मुद्रा ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले लगभग स्थिर है. सीतारमण ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पंडित हृदय नाथ कुंजरू मेमोरियल व्याख्यान 2024 में कहा कि भारत ने निजी निवेश के लिए हर क्षेत्र को खोल दिया है.
देश नए साधनों का इस्तेमाल करके कृत्रिम बुद्धिम, सेमीकंडक्टर और विनिर्माण जैसे उभरते क्षेत्रों को राजकोषीय और नीतिगत समर्थन देगा. उन्होंने कहा, ”अमेरिकी डॉलर को छोड़कर, जिसमें अस्थिरता थी, भारतीय रुपया ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले स्थिर रहा है. भारतीय रुपया कई अन्य मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कहीं अधिक स्थिर रहा है.”
सीतारमण ने अपने पूर्व संस्थान में छात्रों और प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह वजह है कि आज कई देश रुपये में व्यापार करना चाहते हैं. उन्होंने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा, ”एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में, जेएनयू ने मुझे अखिल भारतीय अनुभव दिया. इससे मुझे एक विद्यार्थी के रूप में बेहतर बनने में मदद मिली. यह पुरानी यादों को ताजा करने वाली यात्रा थी.”
सीतारमण ने जेएनयू में ‘स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज’ और ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से क्रमशः एमए और एमफिल किया है. उन्होंने कहा कि रुपये के व्यापार में शुरुआती समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इससे डॉलर की कमी वाले देशों को मदद मिल रही है. मंत्री ने कहा कि जी20 या संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच अब संस्थानों में सुधार के लिए भारत की बात सुन रहे हैं. यह उभरते वैश्विक परिदृश्य में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.
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