नई दिल्ली । गलत खानपान (wrong diet) और लाइफस्टाइल (Lifestyle) के चलते वजन बढ़ना काफी आम हो गया है. बढ़े हुए वजन को कम करने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है. वजन बढ़ने के साथ ही शरीर में कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं. एक रिसर्च (Research) में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन महिलाओं का वजन (Weight) काफी ज्यादा होता है उनमें गर्भाशय के कैंसर (uterine cancer) होने का खतरा डबल होता है. इसके लिए ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने यूके समेत 7 विकसित देशों के 120,000 लोगों के डाटा का विश्लेषण किया.
बता दें कि बॉडी मास इंडेक्स 18 से 25 के बीच हेल्दी रेंज के अंदर आता है, जबकि 25 से 30 बॉडी मास इंडेक्स को अधिक वजन माना जाता है, वहीं, जिनका बॉडी मास इंडेक्स 30 से ज्यादा होता है वह लोग मोटापे से ग्रस्त माने जाते हैं.
क्या कहती है रिसर्च
रिसर्चर्स के मुताबिक, जिन महिलाओं का बीएमआई (BMI) 5 प्वाइंट अधिक होता है, उनमें गर्भाशय के कैंसर का खतरा 88 फीसदी तक अधिक होता है. विशेषज्ञों का मानना है कि अधिक वजन दो प्रमुख हार्मोन – इंसुलिन और टेस्टोस्टेरोन के लेवल पर बुरा असर डालता है, जो बीमारियों को बढ़ावा देने में मदद करता है.
गर्भाशय के कैंसर को एंडोमेट्रियल के नाम से भी जाना जाता है. जब गर्भाशय की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं तो इससे गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ सकता है.
हर साल 10 हजार महिलाएं इस कैंसर की चपेट में आती हैं. इस खतरनाक बीमारी का सीधा संबंध मोटापे से है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले समय में 36 में से एक महिला को अपने जीवनकाल में इस खतरनाक बीमारी का सामना करना पड़ सकता है जिससे यह महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर बन जाएगा.
कैंसर रिसर्च यूके में हेल्थ इंफॉर्मेशन हेड डॉ. जूली शार्प का कहना है कि, हम वर्षों से मोटापे और कैंसर के बीच के संबंधों को पहचानने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में इसके लिए और भी कई तरह की रिसर्च की जानी जरूरी हैं. उन्होंने बताया कि हम पहले से ही जानते हैं कि अधिक वजन या मोटापे से 13 विभिन्न प्रकार के कैंसर विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. कैंसर के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि हेल्दी वेट को मेनटेन किया जाए और बैलेंस डाइट ली जाए.
गर्भाशय कैंसर के मुख्य लक्षण (Womb Cancer Symptoms)
– मेनोपोज के बाद भी वजाइना से ब्लीडिंग या स्पोटिंग.
– पीरियड्स के दौरान हेवी ब्लीडिंग.
– वजाइनल डिसचार्ज में बदलाव
– पेट या हिप बोन्स के आसपास गांठ बनना या सूजन आना
– सेक्स करने के दौरान दर्द
– यूरिन पास करते समय खून आना
– बिना किसी कारण के वजन घटना
गर्भाशय कैंसर के कारण (Causes Of Womb Cancer)
– मोटापा
-हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
– पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
– 55 साल की उम्र के बाद मेनोपॉज शुरू होना
– डायबिटीज
– फैमिली हिस्ट्री
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