नई दिल्ली (New Delhi)। साइबर अपराध (Cyber crime) के मामले दिन पर दिन तेजी से बढ़ते (fast growing ) दिख रहे हैं। रैंसमवेयर (Ransomware), सेक्सटॉर्शन (Sextortion) और डिस्ट्रीब्यूटेड डेनियल-ऑफ-सर्विस (DDoS) हमलों जैसे डिजिटल जबरन वसूली के रूप में लोग शिकार हो रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए इंटरपोल (Interpol) ने सुरक्षा को बढ़ाने और इन हमलों से बचने के लिए कुछ खास जानकारी शेयर की है।
क्या हैं इंटरपोल की टिप्स
रैंसमवेयरः- रैंसमवेयर एक मैलवेयर है जो सिस्टम को प्रभावित करता है और डेटा को एन्क्रिप्ट करता है। पूरे सिस्टम को लॉक कर देता है. रैंसमवेयर का शिकार होने से बचने के लिए…
– नियमित बैकअप बनाएं
– ऐप स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें
– अपने एंटीवायरस को अपडेट रखें
– केवल विश्वसनीय अटैचमेंट खोलें
सेक्सटॉर्शनः – सेक्सटॉर्शन डिजिटल जबरन वसूली का रूप है. यहां अपराधी पीड़ितों को धोखे से उनके नग्न फोटो या वीडियो साझा करवा लेते हैं और बाद उन्हें ब्लैकमेल करते हैं। सलाह दी जाती है कि अश्लील तस्वीरें या वीडियो किसी के साथ ऑनलाइन साझा न करें, लेकिन अगर आपने ऐसा किया है तो यहां कुछ चीजें हैं जो आप ऐसा होने से रोकने के लिए कर सकते हैं।
– ब्लैकमेलर के अनुरोधों से सहमत न हों
– स्क्रीन कैप्चर लें, और दिनांक, समय और URL नोट करें
– इसकी सूचना पुलिस को दें
डीडीओएस हमलाः- DDoS हमलों का विचार कंपनी के नेटवर्क को ओवरलोड करना और सर्वर को पूरी तरह से नीचे लाना देना होता है. इससे साइट क्रैश हो जाती है या उन्हें अनुपलब्ध बना दिया जाता है।
DDoS अटैक से कैसे बचे
– नियमित रूप से नेटवर्क के प्रदर्शन पर नजर रखें
– नेटवर्क सुरक्षा और अपडेट सिस्टम को बढ़ावा दें
– हमले के संकेतों को पहचानना सीखें
– सुनिश्चित करें कि आईटी टीमें जवाब देने के लिए तैयार हैं।
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