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    Income Tax बचाने कर रहे है निवेश, तो इन साव‍धानियों को रखें ध्‍यान

  • February 09, 2021

    ई दिल्ली। वित्त वर्ष 2020-21 खत्म होने में डेढ़ महीने का ही समय बचा है। अक्सर देखने में आया है कि अंतिम समय में बहुत सारे लोग कर बचत के लिए बिना सोचे-समझे निवेश करते हैं। कई बार वह एक से अधिक जीवन बीमा पॉलिसी और ऐसे अन्य विकल्पों में पैसा लगा देते हैं, जहां बहुत कम रिटर्न मिलता है, जबकि टैक्स बचत के लिए पीपीएफ सहित कई ऐसे साधन मौजूद हैं, जहां टैक्स बचत के दोहरे लाभ सहित ऊंचा रिटर्न मिलता है। आप पहले से रणनीति बनाकर और अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करके अधिक फायदा उठा सकते हैं।
    सबसे पहले आपको आकलन कर लेना चाहिए कि कितना निवेश करना है जिससे आपको अधिक से अधिक लाभ मिल सके। आयकर की धारा 80सी के तहत निवेश पर 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट ले सकते हैं। इसमें पीपीएफ-ईपीएफ, Home Loan का मूलधन भुगतान, जीवन बीमा पॉलिसी, ईएलएसएस सहित अन्य निवेश विकल्प शामिल हैं। यदि ईपीएफ और होम लोन के मूलधन को मिलाकर 1.10 लाख रुपये छूट बन रही है तो आप 40 हजार रुपये बीमा, बच्चों की ट्यूशन फीस पर छूट ले सकते हैं। वहीं आयकर की धारा 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर 25 हजार रुपये और 80E के तहत एजुकेशन लोन के ब्याज की पूरी राशि पर टैक्स छूट ले सकते हैं। वहीं 80EEA के तहत होम लोन के ब्याज भुगतान पर 1.50 लाख रुपये की टैक्स छूट ले सकते हैं।



    ऐसे करें निवेश का चुनाव
    ELSS में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है। जबकि पीपीएफ में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। वहीं एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद ही राशि निकाल सकते हैं। ऐसे में अपनी जरूरत के अनुसार सावधानी से निवेश विकल्पों का चुनाव करें जिससे जरूरत पर पैसा आसानी से निकाल सकें। वित्तीय सलाहकार वासवराज टोनागट्टी का कहना है कि इक्विटी में निवेश कम से कम पांच साल का लक्ष्य लेकर होना चाहिए। लंबी अवधि में इक्विटी में जोखिम कम हो जाता है। उनका कहना है कि ईएलएसएस में न्यूनतम लॉक-इन पीरियड तीन साल का है लेकिन निवेशक को पांच साल का लक्ष्य लेकर निवेश करना चाहिए। साथ ही इक्विटी और डेट में एक संतुलन भी होना चाहिए जिससे पोर्टफोलियो पर जोखिम घटेगा।

    निवेश से पहले बनाएं अपना बजट
    टैक्स बचत के लिए निवेश से पहले आपको अपने खर्च और बचत का आकलन कर लेना चाहिए। सभी तरह के खर्च करने के बाद आपके पास हर माह 20 हजार रुपये बच रहे हैं तो उसी के अनुसार निवेश का फैसला करें। इस स्थिति में आप सुविधानुसार 15 हजार रुपये ईएलएसएस में और पांच हजार रुपये PPF में निवेश कर सकते हैं। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि यदि ईएलएसएस में सिप के जरिये निवश करते हैं तो लॉक-इन पीरियड उसी के मुताबिक आगे बढ़ जाएगा। यदि आप जनवरी 2021 में ELSS में SIP के जरिये निवेश करते हैं तो लॉक-इन पीरियड जनवरी 2023 होगा जबकि फरवरी 2021 में निवेश करने पर वह फरवरी 2023 हो जाएगा।

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