नई दिल्ली। आयकर (Income Tax) विभाग ( Department) ने रविवार को करदाताओं (Taxpayers) को आगाह किया कि अगर उन्होंने विदेश (foreign) में मौजूद संपत्ति (assets) या विदेश में अर्जित आय (income) का खुलासा अपने आयकर रिटर्न्स में नहीं किया तो इसके लिए करदाताओं पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
आयकर विभाग ने किया आगाह
आयकर विभाग ने हाल ही में शुरू किए गए अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान के तहत शनिवार को यह जानकारी दी। विभाग ने करदाताओं को चेताया कि वे 2024-25 के निर्धारण वर्ष में आयकर रिटर्न में ये जानकारी जरूर दें। विभाग ने कहा कि भारत के करदाताओं के लिए विदेशी बैंक खाते, नकद मूल्य बीमा अनुबंध या वार्षिकी अनुबंध, किसी इकाई या व्यवसाय में वित्तीय साझेदारी, अचल संपत्ति, कस्टोडियल खाता, इक्विटी और ऋण ब्याज, आदि कोई भी पूंजीगत संपत्ति की जानकारी देना जरूरी है।
आयकर विभाग ने कहा कि करदाताओं को अपने ITR में विदेशी संपत्ति (FA) या विदेशी स्रोत आय (FSI) अनुसूची को ‘अनिवार्य रूप से’ भरना होगा, भले ही उनकी आय ‘कर योग्य सीमा से कम’ हो। एडवाइजरी में कहा गया है, ‘ITR में विदेशी संपत्ति/आय का खुलासा न करने पर काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।’
आयकर रिटर्न्स भर चुके लोगों को भेजे जाएंगे संदेश
कर विभाग के प्रशासनिक निकाय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा था कि अभियान तहत उन करदाताओं को संदेश और ईमेल भेजा जाएगा, जिन्होंने पहले ही 2024-25 के लिए अपना ITR दाखिल कर दिया है। यह संचार ऐसे व्यक्तियों को भेजा जाएगा, जिनकी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के तहत प्राप्त जानकारी के माध्यम से ‘पहचान’ की गई है कि उनके पास विदेश में संपत्ति या विदेशी आय हो सकती है। सीबीडीटी ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य उन लोगों को याद दिलाना जिन्होंने अपने जमा किए गए आईटीआर (एवाई 2024-25) में विदेशी संपत्तियों का विवरण नहीं दिया है। आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।
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