• img-fluid

    केन्द्र द्वारा गैर-बासमती चावल पर प्रतिबंध हटाने से मप्र के किसानों-निर्यातकों की आय में होगी वृद्धि

  • October 03, 2024

    – मप्र के किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार मे मिलेगी नई पहचान, मुख्यमंत्री ने फैसले को बताया ऐतिहासिक

    भोपाल। केंद्र सरकार (Central Government) के गैर-बासमती चावल (Non-Basmati Rice.) के निर्यात ( Exports) पर से प्रतिबंध हटाने का निर्णय देश के चावल उत्पादकों को भरपूर राहत देने वाला साबित होगा। मध्य प्रदेश के चावल उत्पादक किसानों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में कृषि निर्यात में सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय है, जो देश और मध्य प्रदेश के किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान स्थापित करने में मदद करेगा।


    उल्लेखनीय है कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत विदेश व्यापार महानिदेशालय की 28 सितंबर को जारी अधिसूचना के अनुसार गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात के लिए 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, पारबॉइल्ड और ब्राउन चावल पर निर्यात शुल्क को 20% से घटाकर 10% कर दिया गया। इससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में और ज्यादा लाभ मिल सकेगा।

    जनसम्पर्क अधिकारी बबीता मिश्रा ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार के इस फैसले का लाभ मध्य प्रदेश के चावल उत्पादक क्षेत्रों के किसानों को होगा। पिछले 10 सालों में 2015 से वर्ष 2024 तक 12,706 करोड़ रुपये का चावल निर्यात हुआ है। सबसे ज्यादा 3634 करोड़ का चावल निर्यात इसी साल हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्य के प्रमुख चावल उत्पादन क्षेत्रों में जबलपुर, मंडला, बालाघाट और सिवनी शामिल हैं। ये अपनी उच्च गुणवत्ता वाले जैविक और सुगंधित चावल के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें मंडला और डिंडोरी के जनजातीय क्षेत्रों का सुगंधित चावल और बालाघाट के चिन्नौर चावल को जीआई टैग प्राप्त है। इस पहचान के कारण यहां के चावल को अन्तरराष्ट्रीय बाजार में लोकप्रियता मिली है।

    मध्य प्रदेश से चावल के प्रमुख निर्यात बाजारों में चीन, अमेरिका, यूएई और यूरोप के कई देश शामिल हैं। इस निर्णय से न केवल राज्य के चावल उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी बल्कि जनजातीय क्षेत्रों के उत्पादों को भी वैश्विक पहचान मिलेगी। मध्य प्रदेश के चावल उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक वृद्धि देखी है। इन सालों में 200 से अधिक नई चावल मिलों की स्थापना हुई है। इस फैसले से प्रदेश के किसानों और निर्यातकों को अच्छा लाभ मिलने की संभावना है। अब वे अपने चावल को न्यूनतम निर्यात मूल्य से अधिक दरों पर अन्तरराष्ट्रीय बाजार में बेच सकेंगे।

    Share:

    नि:स्वार्थ सेवा भाव है सनातन संस्कृति का मूल-मंत्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

    Thu Oct 3 , 2024
    भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) बुधवार देर शाम दिल्ली के भारत मंडपम् में आयोजित संत ईश्वर सम्मान समारोह 2024 (Saint Ishwar Samman Ceremony 2024) में शामिल हुए। उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नि-स्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने का मौका मिलना परमात्मा की कृपा है। यह […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    बुधवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved