इंदौर। शहर में कुछ सालों से गाडिय़ों के कांच फोडऩे और आग लगाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। अब हर माह आधा दर्जन घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन पुलिस इन पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। यूं तो शहर में पहले भी गाडिय़ों में आग लगाने और कांच फोडऩे की घटनाएं होती थीं, लेकिन पहले हर माह एक-दो घटनाएं सामने आती थीं, लेकिन अब ये बढ़ रही हैं। दो दिन पहले बाणगंगा थाना क्षेत्र में दो नाबालिग बदमाशों ने तीन गाडिय़ों में आग लगा दी। पुलिस ने उनको फुटेज के आधार पर पकड़ भी लिया। पुलिस का कहना है कि ऐसी घटनाओं में दो-तीन कारण अब तक सामने आए हैं।
पहला रंजिश के चलते बदमाश ऐसी हरकत करते हैं। दूसरा रात में पार्टी करने के बाद युवा नशे में ऐसी वारदातों को अंजाम देते हैं। तीसरा त्योहारों के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में तनाव फैलाने के लिए ऐसी हरकत होती है। प्रमुख रूप से यह देखने में आया है कि कांच फोडऩे की घटनाएं ज्यादातर पॉश कॉलोनियों में होती हैं, जबकि आग लगाने की घटनाएं संवेदनशील क्षेत्र या फिर बस्तियों में होती हैं। पुलिस इन पर अंकुश नहीं लगा पा रही है और ये घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं। एक माह में आधा दर्जन घटनाएं सामने आ रही हैं। रासुका लगा चुकी है पुलिस- एरोड्रम क्षेत्र की कॉलोनियों में 50 से अधिक गाडिय़ों के कांच फोडऩे वाली एक गैंग पर पुलिस रासुका लगा चुकी है, जबकि पुलिस कमिश्नर ने कांच फोडऩे के मामले में कुछ लोगों को कॉलोनी की साफ-सफाई और मंदिरों की साफ-सफाई की सजा सुनाई थी।
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