नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन (Climate change) के चलते धरती के तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. अब एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जलवायु परिवर्तन (Climate change) से महिलाओं के खिलाफ हिंसा, यौन उत्पीड़न की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. बता दें कि मशहूर हेल्थ जर्नल ‘द लैंसेंट प्लैनेटरी हेल्थ’ (The Lancent Planetary Health) की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. स्टडी में खुलासा हुआ है कि खराब मौसम (bad weather) जैसे तूफान, बाढ़, सूखा, लू और जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने के साथ ही लिंग आधारित हिंसा, शारीरिक उत्पीड़न, हत्या, जबरन बाल विवाह और भावनात्मक हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं.
आपको बता दे की यह अध्ययन साल 2000 से 2019 के बीच हुआ है. अध्ययन में पता चला है कि इस दौरान जलवायु परिवर्तन से दुनियाभर में करीब 40 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. जलवायु परिवर्तन के चलते मानवीय जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इससे समाज के सोशल सिस्टम पर भी असर आया है. प्राकृतिक आपदाओं के चलते सामाजिक आर्थिक अस्थिरता बढ़ी है, समाज में असमानता बढ़ी है, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बढ़ी हैं, इन्हीं सभी समस्याओं के चलते महिलाओं के यौन और शारीरिक उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं.
इस अध्ययन में दुनिया के पांच महाद्वीप के लोगों को शामिल किया गया है. साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय की टीम ने यह अध्ययन किया है. रिसर्च करने वाली टीम का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम दुनियाभर में देखने को मिल रहे हैं लेकिन साथ ही इसके कुछ ऐसे असर भी हैं, जो छिपे रहते हैं और सामाजिक तौर पर हमारे सामने आ रहे हैं. जेंडर आधारित हिंसा भी उन्हीं में से एक है. बाल विवाह या कम उम्र में विवाह की वजह ये है कि जलवायु परिवर्तन के चलते आर्थिक असमानता बढ़ रही है और गरीब और विकासशील देशों में गरीब लोग जल्द से जल्द बेटी की शादी कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं. इस तरह कम उम्र में शादियां होने की दर बढ़ रही है.
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