img-fluid

इस साल भारत में पटाखा फैक्ट्रियों में हुए हादसों में 40 लोग गंवा चुके अपनी जान, आखिर क्‍यों हो रही ये घटनाएं?

  • April 03, 2025

    नई दिल्‍ली । इस साल भारत (India) में पटाखा फैक्ट्रियों (fireworks factories) में हुए हादसों के चलते लगभग 40 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.इन हादसों की सबसे बड़ी वजह नियमों का पालन नहीं होना है.जानिए इन हादसों को कैसे रोका जा सकता है.मंगलवार एक अप्रैल को गुजरात (Gujarat) की एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाका होने से 21 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए.धमाका इतना भयानक था कि कई मृतकों के शरीर के अंग 200-300 मीटर दूर एक खेत में बिखरे हुए मिले.ज्यादातर मृतक मध्यप्रदेश के हरदा और देवास जिले के रहने वाले थे.एक हादसा पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में भी हुआ. यहां एक पटाखा फैक्ट्री और गोदाम में भीषण आग गई जिसकी चपेट में आने से एक परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई.मृतकों में चार बच्चे भी शामिल थे.

    पुलिस ने फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.विभिन्न मीडिया रिपोर्टों से जुटाई गई जानकारी के मुताबिक, इस साल पटाखा फैक्ट्रियों में हुए हादसों के चलते लगभग 40 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.इससे पहले, फरवरी 2024 में मध्य प्रदेश की एक पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में 11 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 150 लोग घायल हो गए थे.तमिलनाडु में है पटाखा निर्माण का केंद्रतमिलनाडु के विरुधुनगर जिले में स्थित सिवकासी को भारत में पटाखा निर्माण का केंद्र माना जाता है.विरुधुनगर में हजार से ज्यादा पटाखा फैक्ट्रियां हैं और तीन हजार से ज्यादा पटाखों की दुकानें हैं.पटाखा फैक्ट्रियों से जुड़े सबसे ज्यादा हादसे भी यहीं होते हैं.वहीं, उनमें काम करने वाले कामगारों के स्वास्थ्य पर भी असर होता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 और 2024 में विरुधुनगर की पटाखा फैक्ट्रियों में 27 हादसे हुए और इनमें 70 लोगों ने जान गंवाई.रिपोर्ट के मुताबिक, हादसों के विश्लेषण से पता चला कि रसायनों का अनुमति से ज्यादा इस्तेमाल और अनुमति से ज्यादा मजदूरों को रखने की वजह से जानलेवा हादसे हुए.


    पटाखों और सांस की बीमारियों के बीच संबंधद न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि विरुधुनगर की लगभग आधी आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर पटाखा निर्माण से जुड़ी हुई है.यहां की सूखी और गर्म जलवायु के चलते यहां पटाखा बनाना आसान होता है.यहां के पटाखा उद्योग ने साल 2020-21 में 112 करोड़ रुपए टैक्स में दिए थे.क्यों होते हैं पटाखा फैक्ट्रियों में हादसेपटाखा फैक्ट्रियों में होने वाले हादसों की सबसे बड़ी वजह नियमों का पालन नहीं होना है.पिछले साल मध्य प्रदेश की जिस पटाखा फैक्ट्री में धमाका हुआ था, उसमें अनुमति से ज्यादा पटाखे बन रहे थे.दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फैक्ट्री संचालकों के पास केवल 15 किलो विस्फोटक का लाइसेंस था लेकिन फैक्ट्री में इससे कई गुना ज्यादा बारूद रखा हुआ था.इस फैक्ट्री में पहले भी हादसे हो चुके थे लेकिन फिर भी पटाखे बनाने का काम नहीं रोका गया था.साल 2021 में विरुधुनगर की एक पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में 27 लोगों की मौत हो गई थी.इसकी जांच के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक कमेटी बनाई थी.

    इस कमेटी ने पाया था कि फैक्ट्री के पास सभी जरूरी लाइसेंस थे लेकिन फिर भी वहां विस्फोटक नियम, 2008 की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही थी.विस्फोटक नियम, 2008 में पटाखों के निर्माण, परिवहन और बेचने के लिए नियम तय किए गए हैं.क्या प्रदूषण से बचने का तरीका पटाखों से दूरी हैहादसों को कैसे रोका जा सकता हैएनजीटी की कमेटी ने पटाखा फैक्ट्रियों में होने वाले हादसों को रोकने के लिए कई सुझाव दिए थे.कमेटी ने कहा था कि पटाखा फैक्ट्रियों की ड्रोन से निगरानी होनी चाहिए.वहां काम करने वाले कामगारों की सुरक्षा से जुड़ी ट्रेनिंग होनी चाहिए.यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खुले में पटाखा निर्माण नहीं किया जाए.कमेटी ने सुझाव दिया था कि नियम तोड़ने वाली फैक्ट्रियों पर कम से कम 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाना चाहिए.इसके अलावा, पहले नियम तोड़ने की दोषी पायी जा चुकी फैक्ट्रियों को बंद कर देना चाहिए और सभी फैक्ट्रियों के लिए सार्वजनिक दायित्व बीमा लेना जरूरी कर देना चाहिए.

    Share:

    मनरेगा फर्जीवाड़े मामले में मोहम्मद शमी के बहन-बहनोई को क्लीन चिट, सास पर गिरेजी गाज!

    Thu Apr 3 , 2025
    नई दिल्ली। अमरोहा जिले (Amroha district) की सुर्खियों में बने मनरेगा फर्जीवाड़े (MNREGA fraud) में अखिरकार जांच रिपोर्ट (Investigation report) डीएम को सौंप दी गई। जांच के बाद जहां लापरवाह अफसर-कर्मचारियों पर कार्रवाई की गाज गिरी है तो वहीं क्रिकेटर मोहम्मद शमी (Cricketer Mohammed Shami) की बहन- बहनोई को क्लीन चिट मिली है। हालांकि शमी […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved