इंदौर। वन विभाग (Forest department) के नाकेदार (nakadar) के घर में घुसे तीन बदमाशों (miscreants) ने उसके हाथ-पैर और मुंह बांधकर साड़ी के फंदे (noose) पर टांग दिया। गनीमत रही कि उसकी मां घर पहुंच गई और पड़ोसियों की मदद से दरवाजा (door) तोडक़र उसे फंदे से उतारा। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। अभी इनकी पहचान नहीं हो पाई है, पड़ताल जारी है।
बडग़ोंदा पुलिस (Badgonda police) ने बताया कि राजदेवरी मंदिर (Rajdevri temple) के पास रहने वाले मयंक (Mayank) पिता विनोद मिश्रा नरसिंहपुर (Narsinghpur) में वन विभाग (Forest department) में नाकेदार (nakadar) हैं। कल मयंक के घर में तीन लोग घुसे और उसके साथ मारपीट (assault) करते हुए उसके हाथ-पैर व मुंह बांध दिया। इसके बाद मयंक की मां की साड़ी का फंदा बनाया और छत पर लगे झूले के कड़ों पर मयंक को टांग गए। कुछ देर बाद मयंक की मां वहां पहुंची और दरवाजा खटखटाया तो वह दरवाजा (door) नहीं खोल रहा था। मां मयंक (Mayank) को पुकारने लगी तो वह जवाब नहीं दे रहा था। उसके मुंह पर कपड़ा बंधा था। उसकी मां ने पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया तो पड़ोसियों ने दरवाजा (door) तोड़ा और अंदर घुसे। मयंक को फांसी से उतारा और उसके हाथ-पैर और मुंह खोलकर उसे अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस (police) ने इस मामले में तीन अज्ञात लोगों पर एफाईआर दर्ज कर ली है।
पिता भी घर में अचेत मिले थे, अनुकंपा नियुक्ति मिली
मयंक (Mayank) ने बताया कि 2017 में उसके पिता विनोद की मौत हुई थी। उनकी मौत भी संदेहास्पद तरीके से हुई थी। घर में वह अचेत मिले थे। पिता की मौत के बाद मयंक की अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। मयंक का कहना है कि उसकी और उसके परिवार की किसी से दुश्मनी नहीं है।
हमलावर बता गए उन्हें किसने भेजा था
जाते-जाते हमलावर मयंक (Mayank) को धमकाकर गए कि चार साल पहले जैसा तेरे पिता का हश्र किया ऐसा ही तेरा कर दिया। हमलावर यह भी कहकर गए कि हमने महेश सेन और नानूराम सेन के कहने पर तेरा यह हश्र किया है। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई है।
लकड़ी चोरी को लेकर शंका
मयंक (Mayank) के बयानों के अनुसार पारिवारिक रंजिश का कोई बिंदु नहीं मिल रहा है, इसके बाद पुलिस अब जंगल में लकड़ी कटाई को लेकर हमलावरों और नाकेदार में विवाद वाले बिंदु पर भी जांच कर रही है। हालांकि मयंक ऐसे भी किसी विवाद से इनकार कर रहा है, उसका कहना है कि समझ में नहीं आ रहा है कि हमला क्यों हुआ?
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