इंदौर (Indore)। राजबाड़ा को संवारने के बाद उसका लोकार्पण मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों किया था, लेकिन अभी भी पर्यटक राजबाड़ा के अंदर प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं और उसका मुख्य द्वार भी बंद है। पुरातत्व विभाग को सौंपने के बाद टिकट दर तय होने पर ही पर्यटकों को अंदर प्रवेश मिल पाएगा।
17 करोड़ की लागत से राजबाड़ा के जीर्ण शीर्ण हाल को संवारने का काम तीन सालों में बमुश्किल हो पाया। अंदर राजबाड़ा के कई हॉल की लकडिय़ां पूरी तरह सड़ गई थी, जिन्हें पंजाब और पटना के कारीगरों ने बदली थी और उसे मूल स्वरूप में सजाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गत दिनों इसका लोकार्पण किया तो उसके बाद भी पर्यटक राजबाड़ा को निहार नहीं पा रहे हैं, इसके पीछे कई अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री डीआर लोधी के मुताबिक राजबाड़ा को फिर से पुरातत्व विभाग को सौंपने की कार्रवाई चल रही है और साथ ही उसके रखरखाव को लेकर कंपनी तय की जाएगी। साथ ही प्रवेश दर तय करने की कार्रवाई भी होना बाकी है, इन सबके चलते अभी पर्यटकों को राजबाड़ा के अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में जल्द ही यह कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी। इसी के चलते राजबाड़ा में पर्यटन विभाग लाइट एंड साउंड शो भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है। पर्यटन विभाग ट्रायल के लिए शो चला रहा है।
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