नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) पर हमला करने के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सहित तमाम कांग्रेसी नेता मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और गौतम अडानी (Gautam Adani) के नाम का सहारा लेते हैं। कांग्रेसी इसे अंबानी-अडानी की सरकार बताते हैं। हालांकि, ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ आउटरीच कार्यक्रम के तहत राजस्थान में अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को मिले सबसे बड़े निवेश प्रस्तावों में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह (Adani Group) और मुकेश अंबानी की अध्यक्षता वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) की प्रस्ताव शामिल हैं। एक रिपोर्ट में सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के हवाले से यह बात कही गई है।
आरटीआई के जवाब में राज्य के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन (बीओआईपी) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, दोनों कॉरपोरेट घरानों ने दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) / समझौता ज्ञापन (एमओयू) में 1.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का वादा किया था। यह 9,40,453 करोड़ रुपये का लगभग 18 प्रतिशत है।
इसके बावजूद पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र में भाजपा पर क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप लगाया है। उन्होंने इसी साल फरवरी महीने में लोकसभा में अडानी और अंबानी को भारतीय अर्थव्यवस्था में फैल रहे “डबल ए वेरिएंट” के रूप में परिभाषित किया था। उन्होंने पहले भी केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर इसी तरह का कटाक्ष किया था।
आंकड़ों के अनुसार, रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (1,00,000 करोड़ रुपये), अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (60,000 करोड़ रुपये), अडानी इंफ्रा लिमिटेड (5,000 करोड़ रुपये), अडानी द्वारा दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच निवेश का प्रस्ताव दिया गया था। इनमें टोटल गैस लिमिटेड (3,000 करोड़ रुपये) और अडानी विल्मर लिमिटेड (246.08 करोड़ रुपये) भी शामिल है।
राजस्थान बीओआईपी द्वारा सूचीबद्ध 4,016 संस्थानों में जेएसडब्ल्यू फ्यूचर एनर्जी लिमिटेड (40,000 करोड़ रुपये), वेदांत समूह की स्टरलाइट पावर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (40,000 करोड़ रुपये), वेदांत समूह की हिंदुस्तान जिंक केयर्न (33,350 करोड़ रुपये) शामिल हैं। इनमें एनर्जी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (30,000 करोड़ रुपये), एक्सिस एनर्जी (30,000 करोड़ रुपये), ईडन-रिन्यूएबल्स (20,000 करोड़ रुपये) और टाटा पावर (15,000 करोड़ रुपये) का भी नाम शामिल है।
राजस्थान ने इस साल जनवरी में ‘निवेश राजस्थान शिखर सम्मेलन’ आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन कोरोना के कारण इसे टाल दिया गया। प्रस्तावित शिखर सम्मेलन से पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने गौतम अडानी सहित कई उद्योगपतियों से मुलाकात की थी। शिखर सम्मेलन अब जयपुर में 7-8 अक्टूबर को निर्धारित है।
आपको बता दें कि इस साल फरवरी में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी ने “एए” (अंबानी-अडानी) के हाथों में देश की अर्थव्यवस्था जाने की बात कही थी। दिसंबर 2021 में मूल्य वृद्धि के विरोध में जयपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, ”अच्छे दिन आ गए हैं। किसके लिए? यह ‘हम दो, हमारे दो’ के लिए है। चाहे वह हवाई अड्डा हो, बंदरगाह हो, कोयले की खान हो, टेलीफोन हो, सुपरमार्केट हो, जहाँ भी आप देखेंगे, आपको दो लोग मिलेंगे, अडानी जी और अंबानी जी। यह उनकी गलती नहीं है। अगर आपको मुफ्त में कुछ मिलता है, तो क्या आप इनकार करेंगे? नहीं, आप नहीं करेंगे। यह उनकी गलती नहीं है, यह प्रधानमंत्री की गलती है।”
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