नई दिल्ली। पिछले साढ़े तीन साल से कोरोना वायरस के संक्रमण (Coronavirus infection) का खौफ अभी दुनिया भुला नहीं पाई है। इसी बीच इस खतरनाक महामारी (dangerous epidemic) ने एक बार फिर डराना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से बढ़ते COVID-19 इन्फेक्शन के मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार (Central government) ने सोमवार को तमाम राज्यों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के मुताबिक राज्य सरकारों (state governments) को नियमित आधार पर जिलेवार एसएआरआई और आईएलआई (SARI and ILI) मामलों पर निगरानी रखनी होगी और रिपोर्ट पेश करनी होगी। इसी के साथ केंद्र सरकार की तरफ से हिदायत दी गई है कि राज्यों को अधिक संख्या में आरटी-पीसीआर परीक्षणों सहित पर्याप्त परीक्षण सुनिश्चित करना होगा। पॉजिटिव आए मामलों के जीनोम टेस्ट के लिए सैंपल INSACOG लैब्स में भेजने होंगे।
बता दें कि कोविड-19 की महामारी ने एक बार फिर देश में पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। वैश्विक स्तर पर इसके नए वैरियंट JN-1 की की पुष्टि सिंगापुर में हुई थी, वहीं भारत में यह सबसे पहले केरल में सामने आया। इसके बाद से न सिर्फ राज्य सरकार अलर्ट मोड पर है, बल्कि केंद्र सरकार भी खासी गंभीर हो गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बीते देश में 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 335 नए मामले सामने आए हैं। केरल में चार और उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक देश में नए वैरियंट से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 1701 हो चुकी है।
उधर, इससे पहले कोविड-19 की वजह से 5,33,316 लोगों की जान जा चुकी है। राष्ट्रीय स्तर पर 98.81 प्रतिशत आंकी गई रिकवरी रेट के बीच 4,44,69,799 लोग इस महामारी से उबर भी आए। ऐसे में देश में मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत दर्ज की गई है। दूसरी ओर देश में कोविड-19 वैक्सीन की 220.67 करोड़ डोज लोगों को दी जा चुकी हैं।
एक्सपर्ट्स की मानें तो यह कोरोना का सबसे जटिल और खतरनाक वैरियंट है। इसने अमेरिका और चीन समेत कई देशों में लोगों को तेजी से संक्रमित किया है। भारत और दुनिया के दूसरे देशों में फिर से बढ़ते कोरोना के मामलों को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की नसीहत दी है। WHO ने सभी प्रभावित देशों की सरकारों को लगातार टेस्टिंग और कड़ी निगरानी का निर्देश जारी किया है। कोविड-19 तकनीकी प्रमुख डॉ. मारिया वान केरखोव का एक वीडियो भी संगठन की तरफ से जारी किया गया है।
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