नई दिल्ली। उत्तराखंड में बीजेपी प्रचंड जीत की तरफ बढ़ रही है, लेकिन राज्य से सियासी चुनाव में बड़ा उलटफेर हो गया है। राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ही अपनी सीट नहीं बचा सके हैं। पुष्कर सिंह धामी को खटीमा सीट से हार का सामना करना पड़ा है।
भले ही पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) बीजेपी को प्रचंड बहुमत की ओर ले जा रहे हैं, लेकिन वह खुद अपनी खटीमा (Khatima) विधानसभा सीट से हार गए हैं। उत्तराखंड में बीजेपी की बहुमत के साथ जीत हो रही है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी। लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथ निराशा लगी है। खटीमा विधानसभा सीट (Khatima assembly seat) से धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उनको कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया है।
भुवन चंद कापड़ी राज्य में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष (Executive President of the Congress) हैं। युवाओं के बीच लोकप्रिय भुवन चंद कापड़ी उत्तराखंड यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस में जनरल सेक्रेटरी के पद पर भी रह चुके हैं। भुवन कापड़ी ने 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी पुष्कर सिंह धामी को कड़ी टक्कर दी थी। तब कापड़ी सिर्फ 2709 वोट से हारे थे। भुवन कापड़ी को 26,830 वोट मिले थे, जबकि पुष्कर सिंह धामी को 29,539 वोट हासिल हुए थे।
ऊधम सिंह नगर जिले में खटीमा विधानसभा सीट आती है। यहां किसान आंदोलन का काफी असर था। हालांकि, कृषि कानूनों (agricultural laws) की वापसी के बाद माना जा रहा था किसानों की नाराजगी खत्म हो जाएगी। इस सीट से पुष्कर सिंह धामी ने 2012 में भी चुनाव जीता था। तब उन्होंने कांग्रेस के दवेंद्र चंद को हराया था। धामी की नजर इस सीट पर जीतकर हैट्रिक लगाने की रही। इस सीट के समीकरण की बात करें तो इस सीट पर मुस्लिम और सिख मतदाताओं की ठीक-ठाक तादाद है। वहीं यहां थारू जनजाति और पिथौरागढ़, चंपावत, लोहाघाट से पलायन करके आए लोग भी रहते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved