उज्जैन: धार्मिक नगरी उज्जैन के शिव मंदिर में एक भक्त ने अपने खून से अभिषेक कर डाला. 21 पंडितों की मौजूदगी में शिव तांडव और मंत्रोच्चार के साथ भक्त के खून से शिवलिंग पर अभिषेक कराया गया. यह आयोजन पूरे 4:30 मिनट तक चला, तब तक भक्त का खून शिवलिंग पर चढ़ता रहा. भक्त का शिवलिंग पर खून चढ़ते हुए वीडियो वायरल हो रहा है.वीडियो उज्जैन के ढांचा भवन क्षेत्र के बिलकेश्वर महादेव मंदिर का बताया जा रहा है. वीडियो में यहीं के निवासी रौनक गुर्जर 21 पंडितों की उपस्थिति में शिवलिंग का खून से अभिषेक किया जा रहा है.
इस अभिषेक में लगभग 4:30 मिनट तक भगवान को मंत्रोच्चार के बीच खून चढ़ाया गया. भगवान शिव का खून से अभिषेक करने वाले रौनक गुर्जर का कहना है कि वह कई वर्षों से निरंतर रामायण पढ़ता है. जिसमें रावण की भक्ति के बारे में भी बताया गया है. रावण ने अपना सिर काटकर भगवान शिव को अर्पित किए थे. वह कहते हैं कि उनके मन में भी यह बात आई कि भले ही मेरा शरीर रावण की तरह बड़ा ना हो, लेकिन मुझे भी भगवान शिव की कुछ इसी प्रकार भक्ति करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि इसीलिए उन्होंने भगवान शिव का अपने खून से अभिषेक किया है. रौनक कहते हैं कि वह भी रावण की तरह ही भगवान शिव से बहुत प्यार करता हैं.
भगवान शिव का खून से अभिषेक करने को लेकर जब श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा से पूछा तो उन्होंने बताया कि कि शास्त्रों में सभी प्रकार की पूजा का उल्लेख है. यहां तामस पूजा, ओघड़ पूजा, सात्विक पूजा के बारे में बताया गया है. उन्होंने बताया कि यदि कोई औघड़ पूजा या तामस पूजा करता है, तो उसे इस प्रकार की पूजा सार्वजनिक स्थानों पर नहीं करना चाहिए. ऐसी पूजा का प्रदर्शन करने से अन्य लोगों के बीच गलत संदेश पहुंचता है. जब अन्य लोग इससे प्रभावित होते हैं तो फिर इसके दुष्परिणाम भी सामने आते हैं.
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा कहते हैं कि मेरे हिसाब से तो अगर किसी को भी भगवान शिव को प्रसन्न करना है तो एक लोटा जल और बेलपत्र अर्पित कर सात्विक रूप से भगवान शिव का पूजन अर्चन करना चाहिए. क्योंकि, भगवान भोलेनाथ तो वैसे ही भोले हैं. उनकी कृपा सभी पर होती है. उन्होंने बताया कि वह इस प्रकार की पूजा विधान का समर्थन नहीं करते हैं.
रौनक गुर्जर ने शिवलिंग पर खून चढ़ाने के लिए ब्लड डोनेट करने वाली नली का इस्तेमाल किया. वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि भगवान शिव का खून से अभिषेक करने से पहले एक प्रशिक्षित व्यक्ति आता है. वह रौनक गुर्जर के सीधे हाथ में खून डोनेट करने वाली नली लगाकर इसके माध्यम से भगवान शिव का खून से अभिषेक करवाता है. जब तक यहां अभिषेक पूर्ण नहीं होता तब तक वह व्यक्ति रौनक गुर्जर को पकड़कर वहीं खड़े रहता है. अभिषेक पूर्ण होने के बाद इस नली को अपने हाथों से निकाल देता है.
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