उज्जैन। उज्जैन सहित प्रदेश की करीब 23 हजार ग्राम पंचायतों के 50 हजार गांवों से इस बार पंचायत चुनाव को लेकर 5 लाख से ज्यादा ग्रामीण नेताओं ने नामांकन दाखिल किए हैं। आयोग ने सभी उम्मीदवारों के लिए बिजली का नोड्यूज प्रमाण-पत्र अनिवार्य किया था। प्रदेश में करीब सवा लाख ग्रामीण नेताओं ने पर्चे भरने से पहले बिजली की बकाया राशि भरकर नोड्यूज प्रमाण पत्र लिया है।
चुनाव से पहले उज्जैन, इंदौर, भोपाल, जबलपुर बिजली कम्पनियों को तकरीबन 70 करोड़ रुपए प्राप्त भी हो गए हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान का क्रम जून अंत से प्रारंभ होना है, जबकि नाम वापसी की तारीख आज (10 जून) है। नामांकन के लिए पंच, सरपंच, जनपद, प्रतिनिधि, जिला पंचायत प्रतिनिधि के प्रत्याशियों ने बिजली कंपनी से नोड्यूज प्रमाण पत्र लिए हैं। प्रदेश में लगभग 1500 बिजली केंद्रों से पांच लाख नोड्यूज जारी हुए हैं, जिनमें सवा लाख नोड्यूज लेने से पहले प्रत्याशियों ने 5 से 25 हजार की बकाया राशि जमा कराई। इस तरह प्रदेश में 70 करोड़ रुपए बिजली कंपनी को प्राप्त हुए हैं, जिनमें इंदौर-उज्जैन संभाग के 20 करोड़ रुपए शामिल हैं। इसी तरह के नोड्यूज प्रमाण पत्र जून के अंत में नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद आदि के चुनाव में अभ्यर्थियों के लिए बिजली कंपनी से लेना अनिवार्य होगा। कुल मिलाकर निर्वाचन आयोग के इस आदेश से बिजली कंपनी की पुरानी बकाया रकम वसूल हो रही है। पंचायत चुनाव के बाद नगरीय निकाय के प्रत्याशी भी बिजली कंपनी की बकाया राशि को जमा करने के बाद ही अपना नामांकन दर्ज करवाएंगे।
इसलिए किया अनिवार्य
जिस तरह चुनाव आयोग ने शैक्षणिक योग्यता, सम्पत्ति व अपराध आदि की जानकारी चुनाव लडऩे वालों के लिए दर्शाना अनिवार्य किया है, उसी तरह स्थानीय चुनाव लडऩे वालों को बकाया शासकीय रकम जमा कर ही चुनाव लडऩे का नियम बनाकर सख्ती से पालन कराया जा रहा है, ताकि बकायादार और दिवालिया चुनाव न लड़ पाएं।
जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच और पंच पद के लिए बिजली के बिल बकाया नहीं होना चाहिए। इस संबंध में अभ्यर्थियों को अदेय (नोड्यूज) प्रमाण-पत्र देना होगा।
राकेशसिंह, सचिव, निर्वाचन आयोग
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