मुंबई । हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना घर (Home) हो. अगर आपके पास घर खरीदने के लिए पूरे पैसे नहीं हैं तो होम लोन के सहारे आप अपना सपना पूरा कर सकते हैं. बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (Non-Banking Finance Companies) आपको लंबी अवधि का कर्ज दे सकती हैं. इसके बदले में मासिक किस्त के रूप में एक निश्चित रकम बैंक या NBFC को एक निश्चित अवधि (10, 20 या 30 साल) तक चुकाते हैं, जिसमें आप कर्ज की मूल रकम और ब्याज को लौटा देते हैं. यही होम लोन (Home Loan Payment) है. हालांकि होम लोन कि किस्त चुकाना एक बड़ी जिम्मेदारी है. हम आपको आज कुछ ऐसे टिप्स (Tips) के बारे में बताएंगे जिनकी मदद से आप अपने EMI का बोझ हल्का कर पाएंगे.
आंशिक प्रीपेमेंट
EMI को करने के लिए आप अपने टेन्योर के दौरान पार्शियल प्रीपेमेंट कर सकते हैं. अगर आप पार्शियल प्रीपेमेंट करते हैं तो कुल लोन राशि का एक हिस्सा वितरित करने में मदद मिलती है और इससे EMI कम हो जाएगी. अतिरिक्त आय को बचाने जैसे आसान तरीके प्रीपेमेंट को करने में मदद कर सकती हैं.
टेन्योर
ईएमआई का बोझ कम करने के लिए आप अपना टेन्योर बढ़वा सकते हैं. अगर किसी पर बड़ा लोन है तो इससे कुछ राहत पाने के लिए यह सबसे अच्छा तरीका है.
फिक्स्ड और फ्लोटिंग दरें
निश्चित दर वाले होम लोन में कर्जदाता लगभग 1-2% अधिक शुल्क लेते हैं. इसलिए शुरू से ही फ्लोटिंग रेट वाला लोन लेना कहीं अच्छा ऑप्शन है. अगर आप ने पहले निश्चित दर वाला लोन लिया है तो आप बीच में भी फ्लोटिंग दरों पर शिफ्ट हो सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आपका लेंडर इसकी अनुमित दे. यदि आपके कर्जदाता के पास यह प्रावधान है तो फ्लोटिंग दरों पर कड़ी नजर रखें और इसके आधार पर बदलाव करें.
कर्ज ट्रांसफर
अधिकांश कर्जदाता और वित्तीय संस्थान उधारकर्ताओं को अपने कर्ज को अन्य बैंकों या उधारदाताओं को ट्रांसफर करने का विकल्प देते हैं. कर्ज राशि मिलने के बाद विभिन्न उधारदाताओं से कर्ज प्रस्तावों की तुलना करती रहनी चाहिए. यह जरूरी है कि आप टेन्योर के दौरान अन्य ब्याज दरों की जांच करते रहें और उसी के अनुसार अपना कर्ज उस कर्जदाता को ट्रांसफर करें.
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