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    वेबिनार में मुख्यमंत्री ने कहा… हर हुनरमंद को मिलेगा रोजगार

  • August 12, 2020

    • प्रदेश में बनेगा एकीकृत जॉब पोर्टल
    • आर्थिक रूप से गांवों को स्वाबलंबी बनाया जाएगा

    भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस दिशा में प्रयास किए जाएं कि हर रोजगार चाहने वाले व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुरूप रोजगार मिले और रोजगार चाहने वाले इतने सक्षम बन जाएं कि एक दिन स्वयं रोजगार देने की स्थिति में आ जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में एकीकृत जॉब पोर्टल तैयार किया जाएगा। इसका लाभ जरूरतमंदों को दिलाया जायेगा। इससे युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उनके हुनर अनुसार रोजगार दिलवाना आसान होगा। मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश वेबिनार में अर्थव्यवस्था व रोजगार विषय पर सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जब कोरोना काल में रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से स्किल मेपिंग की गई तो अनेक हुनरमंद सामने आए। इनकी संख्या सात लाख से अधिक थी। इनको रोजगार उपलब्ध करवाने का कार्य किया गया। अन्य प्रांतों से अपना स्थायी काम धंधा छोड़कर प्रदेश लौटे करीब चालीस हजार लोगों को तुरंत रोजगार मिल गया। इसी व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए नवीन पोर्टल के निर्माण का विचार सामने आया है। मध्यप्रदेश में स्टार्टअप से लेकर एमएसएमई क्षेत्र तक प्रतिभा को अवसर देकर आगे बढ़ाया जाएगा। उन्हें हताश नहीं होने दिया जाएगा। आर्थिक रूप से ग्रामों को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रयास किये जायेंगे।

    उद्योग क्षेत्र में प्रयास बढ़ायेंगे
    मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाने के प्रयास किया जाएं। बड़े उद्योग भी आएं, पूर्व में ऐसे प्रयास किए गए हैं। इनमें सफलता भी प्राप्त हुई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी आत्मनिर्भर भारत के लिए जो प्रयास कर रहे हैं। इस कड़ी में मध्यप्रदेश तेजी से कार्य करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत कार्यकाल में प्रारंभ की गई युवा उद्यमी योजना में उद्योग लगाने वाले नौजवानों को दो करोड़ रुपये तक की ऋण गारंटी और 15 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया। इस योजना को नये सिरे से क्रियान्वित करने के प्रयास होंगे। लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र के उद्योगों के विकास की चिंता प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भी की है। ऐसे उद्योगों को लगाने वाले उद्यमियों को पूंजी की उपलब्धता के लिए परेशान ना होना पड़े इसके साथ ही उनका कार्य सुचारु रुप से चले, इसमें अधिकतम सहयोग किस तरह दिया जा सकता है, इसके प्रयास किए जाने चाहिए।
    प्रदेश में कोरोना काल में श्रम कानूनों में सुधार से श्रमिक हित के साथ ही बेहतर उद्योग संचालन की व्यवस्था भी की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सबसे बड़ी दिक्कत अर्थव्यवस्था पर यह आई कि जो राजस्व प्राप्तियां होती हैं, उनमें भी कमी आई। इसके बावजूद सभी संभव प्रयास किए गए। लोगों की आजीविका कैसे सुरक्षित रहे, यह सबसे बड़ी चिंता थी। स्ट्रीट वेंडर्स जैसी योजना ने काफी सहारा दिया। मध्यप्रदेश में रोजगार चाहने वालों को रोजगार की सुरक्षा के साथ ही हाथ में कुछ नगद राशि रहे, यह भी प्रयास किया गया। विभिन्न हितग्राहियों को ऑनलाइन राशि का भुगतान भी किया गया। मध्यप्रदेश में कारोबार के लिए पूंजी उपलब्ध कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को लघु व्यवसाय प्रारंभ करने में कैसे मदद मिले, स्टार्टअप से लेकर एमएसएमई तक टैलेंट हताश न हों, यह प्रयास होना चाहिए।

    कृषि क्षेत्र में होगा कायाकल्प
    मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन से अर्थव्यवस्था का सुधार होता है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में कृषि का विशेष योगदान है। मध्यप्रदेश को बीमारु राज्य से निकालकर इस योग्य बनाया गया कि कई वर्ष विकास दर बीस प्रतिशत तक रही। करीब 42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव हो सकी। बंपर कृषि उत्पादन की उपलब्धि मध्यप्रदेश ने हासिल की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि अधोसंरचना को मजबूत बनाने और वेल्यू एडिशन के प्रयासों से किसानों को सीधा लाभ मिला है। मंडी अधिनियम में संशोधन से किसानों को वन नेशन-वन मार्केट की सुविधा मिली। इस तरह के प्रयास जारी रहेंगे।

    स्थानीय उत्पादों को महत्व
    मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों ने बेहतर कार्य किया है। इन समूहों की ताकत यह है कि इसकी सदस्य मिलकर कार्य करती हैं। मध्यप्रदेश में पीपीई किट यूनिफार्म और मॉस्क तैयार करने में यह समूह जुट गए। यही नहीं पोषण आहार बनाने का कार्य भी महिला समूह कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश के एक महिला स्व-सहायता समूह ने मुर्गी पालन के माध्यम से तीन सौ करोड़ रुपये के वार्षिक टर्नओवर की उपलब्धि हासिल की। ऐसे समूहों को मार्केटिंग और पैकेजिंग के साथ ही बैकिंग सुविधाएं प्रदान कर हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। विशेषज्ञों द्वारा इस दिशा में ठोस सुझाव दिए जाने चाहिए ताकि प्रधानमंत्री श्री मोदी के लोकल को वोकल बनाने का संकल्प भी पूरा किया जा सके। मध्यप्रदेश में निमाड़ अंचल में मिर्च, मूंग और कपास, चंबल अंचल में सरसों और गजक, शाजापुर-आगर मालवा, मंदसौर और बैतूल के संतरा उत्पादन, बुरहानपुर में केला उत्पादन, मंदसौर और नीमच में लहसुन उत्पादन की विशेषताएं हैं। इनका विशेष ब्रांड बनाने से लेकर लघु औद्योगिक इकाईयों की शुरुआत का विचार साकार किया जा सकता है। चंदेरी, महेश्वर और धार के बाग प्रिंट और वस्त्र निर्माण की खूबियों को दुनिया तक पहुँचाया जाए।

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