झालावाड़। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि अतिवृष्टि के क़हर में केंद्र से मदद की गुहार लगाने वाली कांग्रेस सरकार के लिए, ये समय मांगने का नहीं बल्कि जनता को देने का है। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि हौड़ोती में 80-90 प्रतिशत खराबा हुआ है। अधिकारी मंत्री की बात को नकार कर कह रहे हैं कि नहीं हाड़ौती में तो सिर्फ़ 30 प्रतीशत फ़सले ही ख़राब हुई है। सरकार और अफ़सरों में खींचतान से किसानों को राहत के बजाय नुकसान हो रहा है।
राजे ने मंगलवार को झालावाड़ जिले के खानपुर, मनोहरथाना, आनंदा, चावली डेम, राजगढ़ डेम, गागरीन डेम का हवाई निरीक्षण किया। उनके साथ सांसद दुष्यंत सिंह भी थे। उन्होंने कहा कि अफ़सर कुछ भी कहें पर हाड़ौती में सोयाबीन, उड़द, चावल की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई है। राजे ने कहा कि प्रभावित परिवारों के लिए 50 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न की व्यवस्था की जाये। हाड़ौती के कई किसानों को 2019 और 2020 का भी मुआवज़ा नहीं मिला। इसलिए 7 दिवस में गिरदावरी रिपोर्ट तैयार कर मुआवजा देने का काम तत्काल शुरू हो। जिन लोगों की जान गई है, उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता के अलावा रोजगार भी दिया जाए। जिन लोगों के मकान ढहे है, उन्हें मकान निर्माण के लिए एक लाख 50 हज़ार रुपये दिए जाएं। जब तक उनके मकान नहीं बन जाता तब तक उन्हें एक मुश्त किराया राशि दी जाए। कई लोगों के मकान सिवायचक, वन और चरागाह भूमि पर बने हुए हैं। वे भी ढह गए हैं। उन्हें भी मुआवज़ा दिया जाए। जिन-जिन लोगों का अतिवृष्टि में नुकसान हुआ है, उनका दो माह का बिजली का बिल माफ किया जाए।
पूर्व सीएम ने कहा कि जिनका पशुधन नष्ट हुआ है, उन्हें नया पशुधन खरीदने के लिए वास्तविक राशि दी जाए। जिन व्यापारियों का दुकानों में रखा सामान खराब हो गया, उन्हें भी सरकार आर्थिक सहायता दें। बारिश में जो भी सड़कें और पुलिया टूटी हैं, उन्हें जल्द ठीक करवाकर आवागमन सुचारू कराया जाए। कोटा जिले के इटावा की बंबोली पंचयात के गिरधरपुरा में तो 80 प्रतिशत घर ढह गये। इटावा के बोरदा में भी भारी नुक़सान है। कोटा जिले के सांगोद कस्बे में 80 प्रतिशत दुकाने डूब गई। वहां भी राहत दी जाए। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved