भरतपुर। राजस्थान में पिछले कुछ समय से फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हुई है। अब एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें जमा पूंजी पर हर महीने 2 फीसदी ब्याज का लालच देकर एक फाइनेंस कंपनी ने करीब 10 करोड़ रुपए इकट्ठे कर लिए और निवेशकों का पैसा लेकर रातों-रात भाग गई।
भरतपुर में हीरादास बस स्टैंड के सामने लक्ष्य निधि फाइनेंस के नाम से चल रही थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कंपनी के सभी संचालक फरार हैं। उनके घरों पर ताले लटके मिले हैं। जब निवेश करने वालों को कंपनी के भागने का पता चला तो उनके होश उड़ गए, अब तक क़रीब 50 पीड़ित सामने आ चुके हैं, जो इस ठगी का शिकार हुए हैं। इनमें से कुछ लोगों ने कोतवाली में धोखाधड़ी और ठगी की एफआईआर भी दर्ज कराई है। इनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल बताए जा रहे हैं। भरतपुर के लिए यह नया मामला नहीं है, इससे पहले भी आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी समेत कुछ फाइनेंस कंपनियां लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुकी है।
ठगी के शिकार एक व्यक्ति ने बताया कि कंपनी को संचालित करने वाले लोग एक ही परिवार के छः सदस्य थे, जो कि सुभाष नगर के निवासी थे। उनके नाम पवन कुमार, पूरन लाल, पुष्पेंद्र उर्फ हरिमोहन, कस्तूरी देवी, जयमाला और लक्ष्मी देवी थे। पीड़ित के अनुसार, पुष्पेंद्र उर्फ हरिमोहन जयपुर में नौकरी करता था, और सप्ताह के अंत में वह भरतपुर आकर कंपनी में आये लोगों को लालच देकर विश्वास में लेता था।
संचालकों ने उन्हें जमा रकम पर हर माह 2 प्रतिशत ब्याज का लालच दिया था। कॉलोनी के ही परिचित होने के कारण वे उनके झांसे में आ गए और अपनी जमा पूंजी उसमें जमा करवाते रहे। इस तरह संचालकों ने एक-दूसरे के परिचय के हिसाब से कई लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनकी रकम जमा करवा ली और रातों- रात फरार हो गए। पीड़ित जितेंद्र कुमार ने बताया कि, फाइनेंस कंपनी के संचालकों ने उसे विश्वास में लेते हुए कहा कि आपके पिता रिटायर हुए हैं, उन्हें जीवन-यापन हेतु अच्छा पैसा मिला होगा, आप उसे फाइनेंस कंपनी में जमा करा दो।
यह भी कहा कि इस समय एक बहुत अच्छी स्कीम आई है, जिसमें 65 लाख रुपए जमा करने पर हर माह 2 लाख रुपए ब्याज मिलेगा। इस पर उसने अगस्त में 25 लाख और सितंबर में दो किस्तों में 40 लाख रुपए जमा करा दिए। लेकिन, उसके बाद कंपनी ने ब्याज नहीं दिया। बल्कि अगले माह देने की कहकर टालते रहे। जब ज्यादा दबाव बनाया तो पवन कुमार ने उसे 12 दिसंबर को 5 लाख 20 हजार रुपए का चेक दिया। लेकिन, उसके बैंक खाते में पैसा ही नहीं था। बाद में पता चला कि आरोपी कंपनी और मकान पर ताला लगाकर कहीं भाग गए हैं। उनके मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहे हैं।
यह कंपनी ज्यादातर लोगों से बड़ा अमाउंट लेकर भागी है। पीड़ितों में कुछ लोग ऐसे भी है जो शिकायत दर्ज नहीं करा रहे हैं, उन्हें डर है कि, कहीं पुलिस उनसे इतनी बड़ी रकम को अर्जित करने का सोर्स न पूछ ले। इन पीड़ितों में करीब दर्जनभर पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। वहीं, जिन पीड़ितों की मेहनत का पैसा है, वे लोग धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved