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    नई शिक्षा नीति में अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों को कराना होगा पंजीयन

  • August 26, 2020

    उज्जैन। नई शिक्षा नीति के तहत अब शासकीय स्कूलों के साथ-साथ अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों को भी अपना पंजीयन प्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा जारी एप पर करवाना होगा। एमएएसएचआइएम नामक एप डाउन लोड करने पर संबंधित अशासकीय स्कूल के शिक्षक का भी पंजीयन हो जाएगा। इसके बाद वे उनके द्वारा छात्रो को पढ़ाए जानेवाले लेसन के ऑडियो-वीडियो भी इस एप पर अपलोड कर सकेंगे। ऐसा कोविड-19 के कारण नहीं बल्कि नई शिक्षा नीति के तहत हो रहा है।
    प्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग से जारी निर्देशों के अनुसार वे समस्त शिक्षक जो हाई स्कूल-हायर सेकंडरी स्कूल में अध्यापन कार्य करा रहे हैं ,चाहे शासकीय स्कूलों के हों या अशासकीय स्कूलों के, उन सभी को ‘एमएएसएचआइएम ऐप’ प्ले स्टोर में जाकर डाउनलोड करना है। ऐसा करने पर उनका पंजीयन हो जाएगा। इसके बाद वे अपने द्वारा पढ़ाए जानेवाले लेसन के ऑडियो-वीडियो को अपलोड कर सकेंगे। प्रत्येक कालांश 30 से 40 मिनिट का होगा।
    अनुत्तीर्ण छात्र का नामांकन निरस्त कर देगा बोर्ड
    माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत जो निर्देश जारी हुए हैं, उसके तहत शासकीय के साथ अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों को भी वर्तमान शिक्षा सत्र 2020-21 में समस्त पाठ लेसन को पढ़ाने के बाद ही छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन किया जाएगा। छात्र के द्वारा स्कूल में अपना एसेसमेंट जमा करने के बाद ही, शिक्षक के द्वारा उसका मूल्यांकन किया जाएगा ओर अंक दिए जाएंगे। ये अंक शिक्षक के द्वारा उक्त एप के माध्यम से छात्र के नाम के आगे लिखकर प्रेषित करना होगा ।
    शिक्षक यदि मूल्यांकन में गलती करता है तो उसको बोर्ड से बाहर कर दिया जाएगा। इधर मूल्यांकन के बाद छात्र को उसकी उत्तर पुस्तिका वापस कर दी जाएगी। छात्र को यह अनिवार्यता हरेगी कि वह संबंधित मूल्यांकन होनेवाले पाठ लेसन में 85 प्रतिशत अंक लाए। यदि छात्र मूल्यांकन में अनुत्तीर्ण हो जाता है तो उसे एक सप्ताह का समय दिया जाएगा। तब भी यदि वह अपना आंतरिक मूल्यांकन होने पर अनुत्तीर्ण होता है तो उसका नामांकन बोर्ड के द्वारा निरस्त कर दिया जाएगा। ऐसे में संबंधित छात्र आगे पढ़ाई नहीं कर सकेगा।
    शिक्षकों के लिए यह रहेगी अनिवार्यता
    शिक्षकों को हर पाठ का संपूर्ण अध्ययन करने के बाद ही प्रश्न पत्र तैयार करना होगा। प्रश्न पत्र तैयार करने पर यह पता चल सकेगा कि शिक्षक ने कितनी तैयारी की और छात्र ने कितना अध्ययन किया। इसलिए प्रश्न पत्र बनाने की तकनीक में बदलाव किया गया है। अब कक्षा 9 से 12 तक का प्रश्न पत्र तीन भाग में तैयार होगा। 100 अंकों के इस प्रश्न पत्र में 30 अंक वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे। ये प्रश्न अभ्यास के अलावा पाठ के अंदर से भी हो सकते हैं। इसीप्रकार 3-3 अंकों के 10 प्रश्न होंगे,जोकि अभ्यास में से होंगे। शेष 40 अंकों के 10 प्रश्न 4-4 अंकों के होंगे,जिन्हे पाठ के अंदर से पूछना होगा। ताकि शिक्षक का अध्यापन और छात्र की तैयारी सामने आ सके। प्रश्न पत्र प्रश्न पत्र ए/बी/सी भाग में तैयार करना है।
    यह है बोर्ड की बदली नीति
    माध्यमिक शिक्षार मण्डल ने अपनी संपूर्ण प्रक्रिया बदल दी है। शिक्षक को पहले पढऩा होगा, फिर छात्र को पढ़ाना होगा। छात्रों को भी पूरा पाठ पहले पढऩा होगा, ताकि 85 प्रतिशत अंक लाकर वह उत्तीर्ण हो और आगे बढ़े। यही कारण है कि अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों को भी इस प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है।

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