भोपाल। नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)की दिल्ली में जारी कार्रवाई के बाद मप्र के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने ऐलान किया है, नेशनल हेराल्ड की भोपाल में स्थित संपत्ति मामले में भी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री की घोषणा के साथ ही सियासी गलियारों में अटकलें शुरू हो गई हैं कि यदि इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की गई तो बीडीए, नगर निगम, टाउन एंड कंट्री प्लान और जिला प्रशासन के कई अधिकारी और कर्मचारी फंसेंगे।
नेशनल हेराल्ड की भोपाल के एमपी नगर प्रेस कॉम्पलेक्स स्थित संपत्ति के विक्रय से लेकर निर्माण की अनुमतियां भाजपा शासनकाल में ही जारी की गई हैं। ऐसे में निष्पक्ष कार्रवाई होने पर भाजपा नेताओं तक भी जांच की आंच पहुंचेगी। हालंाकि भाजपा सरकार ने 7 साल पहले भी भोपाल विकास प्राधिकारण (बीडीए) के माध्यम से भोपाल में सर्वे कराया था। इससे पहले भी बीडीए ने सर्वे नेशनल हेराल्ड की बिल्डिंग में विशाल मेगामार्ट, लोटस शोरूम, मंगलम शोरूम समेत अन्य ऑफिसों में कमर्शियल गतिविधियों होना पाया था। इसलिए यहां की लीज खत्म कर दी। जिला कोर्ट ने भी इस फैसले को सही ठहराया। इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई। कोर्ट में तथ्य रखने लिए सरकार ने बीडीए ने कार्यपालन यंत्री यतीश जैन को सर्वे का जिम्मा सौंपा था। सर्वे के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। ईडी की द्वारा बरती जा रही सख्ती के बाद मप्र सरकार ने भी कार्रवाई का ऐलान किया है।
तत्कालीन मंत्री ने कराया था अनुबंध
नवजीवन समाचार पत्र बंद होने के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री तनवंत सिंह कीर ने किसी कंपनी के साथ अखबार की जमीन का अनुबंध कराया था। इसके बाद अलग-अलग शोरूम खोले गए थे।
…तो कई बिल्डिंगों पर होगी कार्रवाई
कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने समाचार पत्रों को प्रेस कॉम्पलेक्स एरिया में जमीन लीज पर दी थी। जिसमें से कई अखबार बंद हो गए। नेशनल हेराल्ड की तर्ज पर दूसरे संपत्तियों का भी कॉमर्शिलय उपयोग हो रहा है। यदि मप्र सरकार निष्पक्षता के साथ भोपाल में नेशनल हेराल्ड मामले में कार्रवाई करती है तो फिर दूसरे संस्थान भी इसकी जद में आ जाएंगे।
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