गुरूग्राम (Gurugram)। गुरुग्राम की न्यू कॉलोनी थाना क्षेत्र (New Colony Police Station Area) में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां पर एक दंपती (Couple) ने अपनी तीन साल की बच्ची की देखभाल के लिए रखी 13 साल की घरेलू सहायिका (helper) के साथ हैवानियत की। पीड़िता का आरोप (victim’s allegation) है कि दंपती उसे न तो समय से खाना देता था और न ही वेतन। साथ ही चिमटे को गर्म कर उसके शरीर पर जगह-जगह लगाया जाता था। पुलिस और वन स्टाप सेंटर सखी की टीम ने एक दंपती की चंगुल से 16 वर्षीय नाबालिग को छुड़ाया। नाबालिग से पूछताछ करने के बाद दोनों को बंधक बनाकर मारपीट करने के साथ ही यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
बताया जा रहा है कि रेस्क्यू टीम के प्यार-दुलार के काफी देर बाद नाबालिग ने अपनी मासूम निगाहों से खुद पर हुए जुल्म की दास्तां बयां की। अपने शरीर के हर उस अंग को दिखाया जोकि खट्टर दंपती ने उसे गर्म चिमटे से दागकर दिए थे। मासूम के साथ हुए इस अत्याचार की कहानी को देख-सुनकर रेस्क्यू टीम की सदस्यों की आंखों से भी आंसू टपक पड़े।
जरा सा अपनेपन का अहसास हुआ तो मासूम किशोरी की आंखों से भी आंसू छलक पड़े। उसका कहना था कि करीब पांच छह माह से वह इस दंपती के घर आई थी। एक प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से उसे यह नौकरी मिली थी। दंपती ने कहा था कि उनकी तीन साल की बच्ची का ध्यान रखना होगा। मगर जब यहां आई तो घर का हर काम करना पड़ता था।
बीते मंगलवार को रेस्क्यू के बाद पुलिस ने दंपती को भी गिरफ्तार कर लिया था। किशोरी का उपचार कराया जा रहा है। फिलहाल पुलिस को अब किशोरी के परिजनों का इंतजार है। जोकि रांची से आने वाले हैं। इसके बाद किशोरी को उनके सुपुर्द कर दिया जाएगा।
पड़ोसियों ने इसकी सूचना एक सामाजिक कार्यकर्ता को दी। इसके बाद हरियाणा महिला आयोग व बाल कल्याण विभाग ने पीड़िता को छुड़ाकर अस्पताल में भर्ती कराया। सखी केंद्र प्रभारी पिंकी मलिक की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर दंपती को गिरफ्तार कर लिया है।
न्यू कॉलोनी निवासी मनीष खट्टर व उसकी पत्नी कमलजीत कौर कॉरपोरेट कंपनी में काम करते हैं। करीब छह महीने पहले उन्होंने प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये अपनी तीन साल की बच्ची की देखभाल के लिए किशोरी को रखा था। किशोरी मूलरूप से झारखंड के रांची की रहने वाली है। आरोप है कि दंपती नाबालिग के साथ आए दिन मारपीट करता था। ठीक से खाना भी नहीं देता था। विरोध करते पर चिमटे को गर्म कर उसके शरीर पर लगाया जाता था।
किशोरी अपना पेट भरने के लिए डस्टबिन में बचा खाना ही खाती थी। इसकी सूचना सामाजिक कार्यकर्ता तक पहुंची और किशोरी को बचाने की मांग की गई। इसके बाद विभाग हरकत में आए और किशोरी को छुड़ाया गया। पुलिस नाबालिग के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है। सामाजिक कार्यकर्ता दीपिका नारायण का कहना है कि दंपती ने पीड़िता के शरीर पर जगह-जगह चोट पहुंचाई है।
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