नई दिल्ली: सावन का महीना महादेव और माता पार्वती के पूजन का महीना है. इस महीने में ही माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव उनसे विवाह के लिए राजी हुए थे. इसलिए ये महीना भोलेनाथ और माता पार्वती दोनों को अत्यंत प्रिय हैं. इस माह में माता पार्वती और महादेव का पूजन करने से मनोकामना पूरी होती है, साथ ही वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती हैं.
महिलाएं सावन के महीने में सावन के सोमवार, मंगला गौरी व्रत और हरियाली तीज जैसे व्रत रखकर अपने खुशहाल वैवाहिक जीवन और पति की दीर्घायु की कामना करती हैं. कहा जाता है कि अगर सावन में महिलाएं रोजाना 6 काम करें तो माता पार्वती अत्यंत प्रसन्न होती हैं और महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. जानिए उन 6 कामों के बारे में.
1. हर रोज सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं. इसके बाद ही कुछ ग्रहण करें. सावन भर इस नियम का पालन करने से महादेव और मां पार्वती दोनों की कृपा प्राप्त होती है. ये काम महिलाओं के अलावा पुरुष भी कर सकते हैं.
2. चूड़ियों को श्रंगार का अहम हिस्सा माना जाता है. सावन का महीना हरियाली से भरा होता है, ऐसे में इस महीने में महिलाओं को हरे रंग की चूड़ियां पहननी चाहिए. इससे मां गौरी अत्यंत प्रसन्न होती हैं.
3. सावन के दिनों में महिलाओं को सुहाग का सामान माता पर चढ़ाना चाहिए और दान भी करना चाहिए. इससे मातारानी प्रसन्न होती हैं और अखंड सौभाग्य प्रदान करने के साथ पति की दीर्घायु का आशीर्वाद देती हैं.
4. सावन के महीने में मेहंदी लगाना भी बहुत शुभ माना जाता है. मेहंदी सुहाग की निशानी होती है. इसलिए इस माह में एक बार मेहंदी जरूर लगवाएं. हरियाली तीज पर मेहंदी का विशेष महत्व है.
5. महादेव को भोलेनाथ भी कहा जाता है, क्योंकि वे बहुत शीघ्र प्रसन्न होते हैं. वहीं सावन के महीने में उन्हें प्रसन्न करना और भी आसान होता है. महादेव की प्रसन्नता देखकर माता गौरी भी अत्यंत आनंदित होती हैं. इसलिए सावन के महीने में महिलाओं को महादेव के भजन गाने चाहिए. इससे उन्हें शिव और गौरी दोनों की कृपा प्राप्त होती है.
6. सावन के महीने में किसी भी तरह के वाद विवाद या झगड़े से बचना चाहिए. ये महीना आनंद का महीना होता है. इसमें महादेव और माता का ध्यान करना चाहिए. यदि क्रोध आए तो ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. इससे गुस्सा शांत हो जाएगा.
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