नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद (Goods and Services Tax (GST) Council) अगले हफ्ते होने वाली बैठक में मंथली कर भुगतान फॉर्म (Monthly Tax Payment Form) ‘जीएसटीआर-3बी’ में बदलाव (Changes in ‘GSTR-3B’) करने संबंधी प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। इसमें स्वत: बिक्री रिटर्न से संबंधित आपूर्ति आंकड़ें और कर भुगतान तालिका शामिल होगा, जिसमें बदलाव नहीं किया जा सकेगा। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक ‘जीएसटीआर-3बी’ में बदलाव आने से जाली बिलों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। फिलहाल विक्रेता जीएसटीआर-1 फॉर्म में ज्यादा बिक्री दिखाते हैं, जिससे खरीदार इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा कर सकें। लेकिन, जीएसटीआर-3बी में कम बिक्री दिखाते हैं, ताकि जीएसटी की देनदारी कम रहे।
दरअसल जीएसटी करदाताओं के लिए मौजूदा जीएसटीआर-3बी फॉर्म में इनपुट टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट स्वत: तैयार होता है, जो बी2बी (कंपनियों के बीच) की आपूर्तियों पर आधारित होता है। इसमें जीएसटीआर-ए और 3बी में विसंगति पाए जाने पर उसे रेखांकित भी किया जाता है।
खबर के मुताबिक जीएसटी परिषद की विधि समिति ने जिन बदलावों का प्रस्ताव दिया है, उसके मुताबिक जीएसटीआर-1 से मूल्यों की स्वत: गणना जीएसटीआर-3बी में होगी। इस तरह करदाताओं और कर अधिकारियों के लिए यह और ज्यादा स्पष्ट हो जाएगा। इन बदलावों से जीएसटीआर-3बी में यूजर्स की तरफ से जानकारी देने की जरूरत न्यूनतम रह जाएगी और जीएसटीआर-3बी फाइलिंग की प्रक्रिया भी आसान होगी।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की दो दिवसीय 47वीं बैठक 28-29 जून को श्रीनगर की बजाय चंडीगढ़ में होगी। इस बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। जीएसटी परिषद की इस बैठक के दौरान जीएसटी दरों में बदलाव, राज्यों के क्षतिपूर्ति तंत्र और राजस्व की स्थिति पर चर्चा होने की भी संभावना है। (एजेंसी, हि.स.)
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