किगाली। मेजबान रवांडा के मानवाधिकार रिकॉर्ड और वहां शरण चाहने वालों को निर्वासित करने की ब्रिटिश नीति की आलोचना के बीच राष्ट्रमंडल नेताओं ने शुक्रवार को व्यापार से लेकर स्वास्थ्य और जलवायु तक के मुद्दों पर सहयोग की चर्चा की। राष्ट्रमंडल देशों के नेताओं की बैठक में उष्णकटिबंधीय रोगों व कोविड के चलते गहराई अन्य चुनौतियों से निपटने का वादा भी किया गया।
राष्ट्रमंडल 2.5 अरब आबादी वाले 54 देशों का एक क्लब है जिसमें अधिकांश देश पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश रह चुके हैं। उद्घाटन समारोह में रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे ने कहा, इस बैठक में ब्रिटिश साम्राज्य से संबंध न रखने वाले नए सदस्यों के बारे में सोचना हमारी पसंद को व्यक्त करता है।
बता दें, टोगो और गैबॉन के राष्ट्रमंडल में अपेक्षित प्रवेश के साथ देशों की यह संख्या बढ़ जाएगी। दोनों देशों ने ब्रिटेन के साथ कोई औपनिवेशिक इतिहास नहीं होने के बावजूद समूह में शामिल होने के लिए कहा है।
भारत समेत पांच देशों ने भेजे राजनयिक
उद्घाटन समारोह में 29 राष्ट्राध्यक्षों-शासनाध्यक्षों ने भाग लिया। भारत समेत न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया व दक्षिण अफ्रीका सहित अन्य सदस्य देशों ने मंत्रियों या राजनयिकों के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल भेजा। ब्रिटिश राजकुमार चार्ल्स अपनी 96 वर्षीय मां महारानी एलिजाबेथ का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जो राष्ट्रमंडल की प्रमुख हैं।
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