भोपाल। महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) की मतगणना के शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। भाजपा-शिवसेना गठबंधन (BJP-Shiv Sena Alliance) मजबूत स्थिति में है और विदर्भ समेत कई क्षेत्रों में भाजपा को बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। खास बात यह है कि चुनावी प्रबंधन में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नेताओं की भूमिका ने पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और विश्वास सारंग एवं भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा ने महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन की कमान संभाली थी।
शुरुआती नतीजों में विदर्भ की सीटों पर भाजपा की बढ़त को इन नेताओं की रणनीति और सक्रियता का नतीजा माना जा रहा है। विदर्भ की कई सीटों पर भाजपा ने निर्णायक बढ़त बनाई है, जहां मध्य प्रदेश के नेताओं ने चुनाव प्रचार और संगठन को मजबूत करने का काम किया। जयभान सिंह पवैया, जो पहले से ही महाराष्ट्र भाजपा के सह प्रभारी हैं, ने भी इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई है। साथ ही प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री हितानंद को भी महाराष्ट्र चुनाव में समन्वय जिम्मेदारी दी गई थी।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को नागपुर विदर्भ क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके अलावा मंत्री प्रह्लाद पटेल को वर्धा अमरावती क्षेत्र और विश्वास सारंग को अकोला बुलढाना क्षेत्र आसपास की करीब 15 सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं, पूर्व मंत्री और भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा को गोंदिया और भंडारा क्षेत्र का प्रभार दिया गया था। बता दें विदर्भ में महराष्ट्र की 65 विधानसभा सीट आती है, जहां भाजपा को लोकसभा चुनाव में हार मिली थी। इस क्षेत्र में मध्य प्रदेश के भाजपा नेताओं ने कमान संभाली थी। इस क्षेत्र की सीटों पर लगातार प्रदेश के नेता लगे हुए थे। इंदौर के डॉक्टर निशांत खरे भी महाराष्ट्र चुनाव में आदिवासी सीटों पर पिछले एक माह से अधिक समय से लगे हुए थे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved