उज्जैन। नगर निगम द्वारा शासन के निर्देश पर फेरी लगाकर छोटा-मोटा व्यवसाय करने वाले लोगों को राहत देने के लिए 10 हजार के ऋण की घोषणा कर रखी है। नगर निगम में इसके लिए 16 हजार से ज्यादा आवेदन आ गए हैं। इसमें कई ऐसे लोगों ने आवेदन कर लिया है जो पहले से भवन निर्माण मजदूरों के रजिस्टर में दर्ज हैं। ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें योजना से बाहर किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के कारण पूरे देश में मार्च महीने से लॉकडाउन लगा रहा। जून महीना शुरु होने तक सारे काम धंधे बंद रहे। इसकी मार फेरी लगाकर तथा ठेले पर सामान बेचकर जीवन यापन करने वाले गरीब व्यवसायियों पर अधिक पड़ा। इस प्रकार के लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने एक योजना शुरु की है जिसमें नगर निगम के माध्यम से ऐसे फेरी वालों और ठेले वालों को पात्र हैं उन्हें आवेदन के बाद 10 हजार का ऋण दिया जा रहा है। नगर निगम में अभी तक 16 हजार से ज्यादा आवेदन पहुँच चुके हैं। विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार ठेले और फेरी वालों के लिए शुरु की गई लोन की इस योजना में कई ऐसे लोगों ने भी आवेदन कर दिए हैं जो पहले से भवन निर्माण मजदूर योजना में रजिस्टर्ड हैं। ऐसे लोगों की मजदूर डायरी बनी हुई है तथा इसका फायदा भी सालों से उठा रहे हैं। ऐसे लोगों द्वारा 10 हजार रुपए लोन के लालच में मजदूर से फेरी और ठेले वाले बनकर आवेदन कर दिए गए हैं। आवेदनों के सत्यापन में यह बात सामने आ रही है। करीब 5 से 7 हजार मजदूर डायरी के पात्र लोगों ने इसमें आवेदन कर दिए हैं। अब ऐसे में उनकी पहचान के बाद संभवत: उनकी मजदूर डायरी नगर निगम बंद कर सकता है।
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