नई दिल्ली: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने (Boris Johnson Resigns) अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. यूके की मीडिया में इस बात की जानकारी दी है. वह स्कैंडल और तमाम आरोपों का सामना कर रहे हैं. हालांकि जॉनसन कंजर्वेटिव पार्टी (Tory) के नेता के पद से हटने के लिए तैयार हो गए हैं. लेकिन नए नेता के चुनाव तक वह पद पर बने रहेंगे. उनकी सरकार में मंगलवार को बाद से अब तक 50 से अधिक इस्तीफे दिए जा चुके हैं. यहां तक कि वेल्श से सेक्रेटरी सिमन हर्ट ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है.
महज मंत्रियों की बात करें, तो 48 घंटे में ही 45 मंत्री अपना पद छोड़ चुके हैं. जिनमें वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद शामिल हैं. दरअसल क्रिस पिंचर मामले को ठीक से नहीं संभालने के चलते जॉनसन की कंजर्वेटिव पार्टी के ही अधिकतर लोग उनके खिलाफ हो गए हैं. सांसद क्रिस पिंचर को जॉनसन ने डेप्युटी व्हिप चीफ के तौर पर नियुक्त किया था. जबकि पिंचर के खिलाफ ऐसी शिकायतें थीं कि उन्होंने एक गे बार में दो लड़कों के साथ यौन शोषण किया है.
खुद इस्तीफा देने के लिए सहमत होने से पहले बोरिस जॉनसन ने अपने राइट हैंड माने जाने वाले कम्युनिटी सेक्रेटरी माइकल गोव को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था. वो गोव ही कैबिनेट के पहले ऐसे सदस्य थे, जिन्होंने जॉनसन से कहा था कि कंजर्वेटिव पार्टी और देश की भलाई के लिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. सरकार को सबसे पहला झटका मंगलवार को तब लगा जब वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद ने इस्तीफा दिया था.
जॉनसन के नेतृत्व पर मंत्रियों को नहीं भरोसा
इन्होंने कहा कि इन्हें अब प्रधानमंत्री के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है और वे घोटालों में घिरी सरकार के लिए काम नहीं कर सकते हैं. साजिद जाविद और ऋषि सुनक ने कुछ ही मिनट के अंतराल पर ट्विटर पर अपना इस्तीफा साझा किया था. सरकार ऐसे समय में संकट में पड़ी है, जब एक पूर्व नौकरशाह ने हाल में ही निलंबित सांसद क्रिस पिंचर के खिलाफ आरोपों से निपटने के डाउनिंग स्ट्रीट के तरीके को लेकर टिप्पणी की थी, जिससे विवाद खड़ा हो गया.
क्रिस पर आरोप हैं कि उन्होंने साल 2018 में गे बार में दो लड़कों को गलत तरीके से छुआ था और इस बात की जानकारी जॉनसन को 2019 में ही मिल गई थी. बावजूद इसके उन्होंने पिंचर को बड़े सरकारी पद पर नियुक्त कर दिया. इस मामले में 10 डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश पीएम का कार्यालय) ने भी अपने बयान बदले हैं. उसने कहा है कि जॉनसन को साल 2019 में ही यौन शोषण मामले की जांच के बारे में बता दिया गया था, जिसमें पिंचर भी शामिल हैं. इससे वो पुराने दावे भी झूठे पड़ गए, जिसमें पीएम कार्यालय ने कहा था कि प्रधानमंत्री को इन विशिष्ट आरोपों की जानकारी नहीं थी.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved