उज्जैन। कांग्रेस में बड़े स्तर पर जिलों में फेरबदल की अटकलों के बीच बड़े नेता चाह रहे हैं कि चुनावी साल को देखते हुए अध्यक्ष के साथ-साथ गुटीय संतुलन बनाने और कामों के बंटवारे के लिए कार्यकारी अध्यक्ष की भी नियुक्ति की जाए, ताकि चुनावी साल में किसी प्रकार का कोई विवाद न हो। इसके साथ ही जातिगत समीकरण साधने पर भी जोर दिया जा रहा है। उज्जैन में भी जिलाध्यक्ष और शहर अध्यक्ष के नामों को लेकर दावेदारों ने अभी से ही दिल्ली और भोपाल में अपने संबंधों के माध्यम से दमदारी दिखाने की तैयारी कर ली है।
पूरे प्रदेश में कांग्रेस में परिवर्तन किया जाना है। आज से शुरू हुए विधानसभा सत्र के बाद कांग्रेस अगले साल इस पर निर्णय ले सकती है। इसके पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का गुपचुप सर्वे चल रहा है, जिसमें जिलाध्यक्षों के कामकाज की भी समीक्षा की जा रही है। यह तो तय है कि इसकी गाज कई जिलाध्यक्षों पर गिरने वाली है। सूत्रों के अनुसार सभी परिवर्तन आने वाले साल में दिखेंगे और जल्द ही कई जिलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति भी हो जाएगी। जिन जिलों में अध्यक्ष नहीं बदले जाएंगे, वहां पार्टी कार्यवाहक अध्यक्षों की नियुक्ति कर सकती है।
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