उज्जैन। जिला प्रशासन द्वारा कल रात 9 बजे के लगभग महाकाल प्रशासक कार्यालय के पीछे स्थित पुराना निर्माण तोड़ दिया गया। प्रशासन द्वारा रात के अंधेेरे में यह कार्रवाई की गई तथा सुबह लोगों ने टूटा हुआ मलबा देखा। महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित प्राचीन वीरभद्र अखाड़े को प्रशासन ने आनन फानन में कार्रवाई कर जमींदोज कर दिया। मंदिर के मुख्य द्वार के बाहर जारी विस्तारीकरण प्रोजेक्ट के चलते इस निर्माण को हटाया गया है, जबकि अखाड़े एवम व्यामशाला से जुड़े लोगों ने इस मामले को लेकर कोर्ट में याचिका भी लगाई गई थी, प्रशासन ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया जिसकी किसी को भनक तक नहीं लगी।
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि कार्रवाई स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मंदिर विस्तारीकरण के चलते की गई है एवं इस प्रोजेक्ट के तहत आगे कंट्रोल रूम सहित कई जगह है जो इस प्रोजेक्ट में आती है वह टूटेंगी और प्रोजेक्ट के अनुसार नया क्रियान्वयन किया जाएगा। आज सुबह लोगों ने मलबा देखा तो वहाँ भीड़ लग गई। इस बात की जानकारी के लगने के बाद मौके पर पुलिस बल तथा मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को वहाँ ड्यूटी पर लगा दिया गया। मंदिर समिति से जुड़े पदाधिकारियों को इस कार्रवाई के बाद हिंदूवादी संगठनों के विरोध की भी आशंका थी। इसके चलते वहाँ सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए।
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