इंदौर। नए भूमि अधिग्रहण कानून में तो जहां दो से चार गुना तक गाइडलाइन (guideline) के मान से मुआवजा (compensation) देने के प्रावधान हैं, वहीं लैंड पुलिंग एक्ट (land pulling act) में प्राधिकरण (authority) नकद मुआवजे की बजाय 50 फीसदी जमीन वापस लौटाएगा, लेकिन प्राधिकरण की पुरानी योजनाओं में सैंकड़ों रिफ्रेंस प्रकरण अदालतों में मुआवजा राशि बढ़ाने के चल रहे हैं। अभी चोईथराम मंडी ( choithram mandi) की योजना 59 के संबंध में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने जमीन मालिकों (land owners) के पक्ष में फैसला दिया है और हाईकोर्ट द्वारा तय किए गए 7 रुपए स्क्वेयर फीट की मुआवजा राशि को ही कायम रखा, जिसके चलते प्राधिकरण को अब 20 करोड़ रुपए से अधिक की मुआवजा राशि इन जमीन मालिकों को देना पड़ेगी। हालांकि प्राधिकरण (authority) भी सुप्रीम कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर कर रहा है।
जब नया भूमि अधिग्रहण (land acquisition) कानून लागू नहीं हुआ था तब विगत वर्षों की बिक्री छांट के आधार पर कलेक्टर कार्यालय ( collector’s office) द्वारा ओने-पोने दामों पर ही मुआवजे (compensation) का अवॉर्ड पारित किया जाता था। हालांकि पिछले कई वर्षों से प्राधिकरण (authority) नकद मुआवजे की बजाय किसानों (farmers)-जमीन मालिकों के साथ समझौता कर विकसित भूखंड दे रहा है, जो कि 20 से 30 प्रतिशत तक मिल जाते हैं। अब जो नई योजनाएं लैंड पुलिंग एक्ट के तहत घोषित की जा रही है उसमें 50 फीसदी जमीन वापस उसके मालिक को लौटाने का प्रावधान है। लेकिन पुरानी योजनाओं में मुआवजा राशि बढ़ाने के रिफ्रेंस के सैंकड़ों प्रकरण विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। योजना 59 के संबंध में अभी सुप्रीम कोर्ट (supreme court) से प्राधिकरण (authority) को हार का मुंह देखना पड़ा। दरअसल इस योजना को 1978 में लागू किया था और 1990 में उसका मुआवजा अवॉर्ड पारित किया गया, जिसमें सिंचित जमीन का मुआवजा 37 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर और असिंचित जमीन का मुआवजा 12350 रु. प्रति हेक्टेयर तय किया गया, जिसके चलते कुछ जमीन मालिकों ने मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर अदालत में याचिकाएं दायर की और 25 रु. स्क्वेयर फीट तक मुआवजे की मांग की। लेकिन रिफ्रेंस कोर्ट नेेे 50 हजार और 25 हजार रु. प्रति एकड़ तक बढ़ाने का आदेश दिया और फिर हाईकोर्ट से भी मुआवजा (compensation) राशि बढ़ाकर देखने का फैसला हुआ। दरअसल, प्राधिकरण (authority) ने योजना 59 में ही कुछ जमीनों का मुआवजा 7 रुपए स्क्वेयर फीट यानी 3 लाख रुपए प्रति एकड़ घोषित किया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अभी 7 रुपए स्क्वेयर फीट की राशि ही मान्य की है, जिसके चलते अब प्राधिकरण (authority) को 20 करोड़ रुपए से अधिक की मुआवजा (compensation) राशि जमीन मालिकों को देना पड़ेगी।
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