धार: मध्य प्रदेश के धार (Dhar of Madhya Pradesh) की ऐतिहासिक भोजशाला कमाल मौला मस्जिद विवाद मामले (Bhojshala dispute case) में आज इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई (Hearing in Indore High Court) हुई, जिसमें मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील सलमान खुर्शीद ने ऑनलाइन अपना पक्ष रखा. दरअसल, एएसआई सर्वे टीम को दो जुलाई को अपनी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी थी, जिसके लिए एएसआई ने चार सप्ताह का और समय मांगा था. जिसकी सुनवाई भी आज हुई, उसमें हाई कोर्ट ने एएसआई को 10 दिन का समय देकर 15 जुलाई तक अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए, जिसकी सुनवाई अब आगामी 22 जुलाई को होगी. वहीं इधर जैन समाज की याचिका को न्यायालय ने सुनने से इनकार कर क्लब कर दिया है, जिसकी सुनवाई अलग से की जाएगी.
बता दें कि एक याचिका पर हाई कोर्ट इंदौर द्वारा 11 मार्च 2024 को मॉन्यूमेंट में एएसआई को सर्वे करने के आदेश जारी किए थे, जिसके तहत 22 मार्च से 98 दिनों तक एएसआई ने विवादित इमारत में सर्वे का कार्य आधुनिक उपकरणों के द्वारा किया जिसकी रिपोर्ट दो जुलाई को हाई कोर्ट में पेश करनी थी, लेकिन एएसआई द्वारा चार हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा था जिसपर हाई कोर्ट ने 10 दिन का और समय दिया है. अगली सुनवाई अब 15 जुलाई को होगी.
वहीं मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद के मुताबिक आज हाई कोर्ट इंदौर में सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा एएसआई को 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया है लेकिन इस दौरान एएसआई द्वारा मॉन्यूमेंट में किसी भी प्रकार की खुदाई या अन्य कोई काम नहीं किया जा सकेगा, जिसका कोर्ट ने विशेष रूप से जिक्र किया है.
इससे पहले हाई कोर्ट में समय मांगने के लिए दायर याचिका में एएसआई ने मुख्य तौर पर यह दलील दी गई है कि हैदराबाद के राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) ने इस विवादित परिसर के ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर)-ज्योग्राफिक इन्फर्मेशन सिस्टम (जीआईएस)’ सर्वेक्षण के दौरान जमा किए गए विशाल डेटा का अध्ययन करके अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए एएसआई से तीन हफ्ते का समय मांगा.
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