भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ की 1984 के सिख दंगों के मामले में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में एसआईटी को नोटिस जारी कर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। कमलनाथ के खिलाफ हाई कोर्ट में मनजिंदर सिंह सिरसा ने याचिका दायर की है।
सिख दंगों के मामले में कांग्रेस के एक नेता सज्जन कुमार को पहले ही उम्र कैद की सजा हो चुकी है। सिरसा का आरोप है कि कांग्रेस पार्टी साल 2014 तक सिख दंगों के आरोपी सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और कमलनाथ को बचाती रही क्योंकि इनकी गिरफ्तारी से 1984 के नरसंहार में गांधी परिवार की भूमिका का खुलासा हो सकता था।
2014 के बाद केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सिखों को न्याय दिलाने की असली लड़ाई शुरू हुई। पंजाब में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद अक्टूबर, 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो बॉडीगार्ड्स ने हत्या कर दी थी। इसके बाद पूरे देश में सिखों का कत्लेआम हुआ।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दंगों में 15,000 सिखों की हत्या कर दी गई थी। अकेले दिल्ली में ही करीब 7 हजार निर्दोषों को मार दिया गया था। शिरोमणि अकाली दल के साथ बीजेपी और आम आदमी पार्टी इन दंगों में कांग्रेस नेताओं की भूमिका के आरोप लगाते रहे हैं।
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