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सिंहस्थ 2028 में साधु संत शिप्रा के जल से ही स्नान करेंगे

January 14, 2025

  • 614 करोड़ रुपये लागत वाली सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भूमि पूजन किया-कहा, साढ़े बारह हजार बीघा क्षेत्र में हरिद्वार की तरह उज्ज्ैन को विकसित करेंगे

उज्जैन। साोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमिपूजन किया और इस मौके पर उन्होंने कहा कि आने वाले 2028 के सिंहस्थ में साधु-संत शिप्रा के जल से ही स्नान करेंगे। इसके अलावा हरिद्वार की तरह उज्जैन को विकसित किया जाएगा।


मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने सोमवार को उज्जैन में 614 करोड़ रुपए की लागत से सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमिपूजन किया। इस मौके पर केन्द्र सरकार के जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, कौशल विकास रोजगार राज्य मंत्री गौतम टेटवाल उपस्थित थे। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने परियोजना का रिमोट से शिलापट्ट का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में अनेक नदियां प्रवाहमान है और ऐसा लगता है कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। हमारे प्रदेश की नदियों से दूसरे प्रदेश लाभान्वित हो रहे हैं। मां क्षिप्रा उज्जैन की परिक्रमा करते हुए प्रवाहित हो रही है। हमारा सौभाग्य है कि मां क्षिप्रा के अंचल में देवी देवताओं का वास है। वर्तमान में मां क्षिप्रा का जल इंदौर से आने वाली कान्ह नदी के कारण प्रदूषित हो रहा है। इस प्रदूषण को समाप्त करने के लिए 850 करोड़ रुपये लागत से कान्ह नदी का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। कान्ह नदी के पानी को टनल बनाकर अन्य नदियों में उपचार के बाद प्रवाहित किया जाएगा। मोक्षदायिनी क्षिप्रा सदा प्रवाहित होती रहे इसके लिए कल्याणपुरा की तरफ एक डेम बनाया जाएगा, इसके साथ ही छोटी नदियों से वर्षा के पानी को पंप से उठाकर सिलारखेड़ी तालाब में पहुंचाया जाएगा। इससे क्षिप्रा नदी में लगातार पानी की आवक बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान का क्रियान्वयन प्रदेश में हुआ है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना से बुंदेलखण्ड के 13 जिलों सहित मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश के अन्य जिलों को पानी मिलेगा। पीकेसी योजना के तहत सेमरी, सुल्तानपुर की एक हजार करोड़ की परियोजना से 18 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। इस परियोजना के लिए प्रधानमंत्री द्वारा धनराशि दी गई है। इसी तरह चंबल और चावरा नदी के जुडऩे से बडऩगर क्षेत्र में सिंचाई एवं पीने के लिए पानी उपलब्ध होगा। यह योजना भी केन्द्र सरकार के माध्यम से क्रियान्वित होगी।

हरिद्वार जैसा विकास करेंगे
धार्मिक नगरी उज्जैन का विकास हरिद्वार की तरह किया जाएगा और प्रदेश में विकास का कारवा लगातार चलता रहेगा। प्रदेश सरकार केन्द्र के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने उपस्थित सभी लोगों को विकास में भागीदार एवं सहयोगी बनने के लिए संकल्प भी दिलाया। समारोह में शामिल केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री पाटिल ने परियोजना के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने पानी बचाने के लिए अभियान चलाया तथा अधिक से अधिक वर्षा का जल धरती में समाए इसके लिए बड़ी संख्या में भू-जल पुनर्भरण संरचनाएं बनाने के लिए कहा। भू-जल पुनर्भरण संरचनाएं बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा जिलों को राशि भी दी जाती है। उन्होंने कहा कि जल है तो कल है, गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में रहना चाहिए। इस अवसर पर प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सिलावट ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि 614 करोड़ रूपये लागत की सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना से मोक्षदायिनी मां क्षिप्रा में शुद्ध जल का सतत प्रवाह होगा। इस मौके पर उन्होंने पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी परियोजना के बारे में विस्तार से बताया। इस परियोजना से सिंचाई के क्षेत्र में नई क्रांति आएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर बहनों को सुहाग की श्रंगार सामग्री एवं साडिय़ां तथा बच्चों को पतंगें भेंट की।

प्रदर्शनी का अवलोकन
समारोह स्थल पर मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना पर आधारित प्रदर्शनी व मॉडल का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री पाटिल को परियोजना के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में राज्य सभा सांसद उमेशनाथ महाराज, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, जितेन्द्र पण्ड्या, डॉ.तेजबहादुर सिंह चौहान व सतीश मालवीय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कमला कुँवर, उपाध्यक्ष श्रीमती शिवानी कुँवर, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, संजय अग्रवाल, बहादुर सिंह बोरमुण्डला, विवेक जोशी, विशाल राजोरिया महंत रामेश्वर दास, अन्य संतजन, प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग राजेश राजोरा, संभागायुक्त संजय गुप्ता, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा सहित जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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