जयपुर । राजस्थान में (In Rajasthan) भाजपा नेता (BJP Leader) गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के बीच (Between) शब्दों के बाण का मामला (The Matter of Arrows of Words) थाने तक पहुंच गया (Reached to the Police Station) । प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच सियासी रामायण का मंचन शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत भाजपा नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का रावण कह कर की है। जवाब में सीएम गहलोत ने भी कहा कि मैं उनको राम भी कह दूं, लेकिन वे संजीवीनी पीड़ितों का पैसा लौटा दे।
दरअसल चित्तौड़गढ़ के सदर थाने में राजस्थान धरोहर बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। इसमें उन पर सरकार की छवि खराब करने, भड़काऊ बयान देने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का रावण कहने के आरोप लगाते हुए भावनाओं को आहत करने की बात कही है। केस दर्ज करने के बाद मामले की रिपोर्ट सीआईडी सीबी को भेज दी गई है।
जाड़ावत ने चित्तौड़गढ़ में केस दर्ज करवाकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। सीधे तौर में केंद्रीय मंत्री के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है और उस क्षेत्र में केस दर्ज करवाया गया है जहां के सांसद भाजपा नेता सीपी जोशी हालही राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। आगे देखना होगा कि सीपी जोशी इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं? हालांकि जाड़ावत भी चित्तौड़गढ़ के रहने वाले हैं और दोनों लंबे समय से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी हैं।
राज्य में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और दोनों प्रमुख राजनीतिक दल — भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की सक्रियता लगातार बढ़ रही है। एक दूसरे पर वार पलटवार का सिलसिला भी जारी है। कई बार तो राजनेता एक दूसरे पर निजी तौर पर हमले करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। बहरहाल अभी राज्य की सियासत में कई समीकरण बदलने वाले हैं।
पत्रकार और विश्लेषक अपने हिसाब से समीकरण लगा रहे हैं। अब तक हुए विश्लेषणों गलत साबित हुए हैं। कर्नाटक चुनावों के बाद सियासी हवा का रुख राजस्थान की ओर होने वाला है। राजस्थान का मौसम भी इस बार बदला हुआ नजर रहा है जो कुछ हद तक सियासी मौसम का पुर्वानुमान बता रहा है। मौसम के पुर्वानुमान के मुताबिक गर्मी में बारिश और सर्दी का अहसास हो रहा है, उसी तरह राजस्थान की सियासत पर भी ग्लोबल वार्मिंग का असर दिखाई दे सकता है।
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