आजकल हर जगा कॉम्पटीशन चल्लई हेगी साब। लिहाज़ा अच्छे-अच्छों की मोनोपॉलियाँ टूट रई हैं। कोई पचहत्तर बरस पुरानी प्रिंट न्यूज़ एजेंसी प्रेस्ट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) अब लफ्ज़़ों के अलावा वीडियो फुटेज भी मुहैया कराएगी। हालफिलहाल तमाम खबरिया चैनलों को एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (एएनआई) ही वीडियो मुहैया कराती है। इस नजरिए से देखें तो पीटीआई का वीडियो मे आना भोत बड़ा संकेत हेगा क्या…। इसे एएनआई की मोनोपोली तोडऩे से जोड़ के बी देखा जा रिया है। यूं भी पीटीआई का पूरे मुल्क में जिला लेवल पे तगड़ा नेटवर्क है। एजेंसी को इस नेटवर्क को बस थोड़ा सा डिजिटली अपडेट भर करना था। लिहाज़ा पीटीआई ने अपने भोत सारे अहम दफ्तरों के रिपोर्टरों को वीडियो फुटेज बनाने की दिल्ली हेडऑफिस में ट्रेनिंग दी। इन सबको मोजो (मोबाइल जर्नलिज़्म) किट दी गई है।
इनके स्मार्ट मोबाइल में एक एप्लिकेशन और सॉफ्टवेयर डाला गया है। जिसके जरिये पीटीआई रिपोर्टर हर वीडियो स्कोप वाली खबर के फुटेज शूट करता है। वो तमाम ज़रूरीफुटेज, बाइट्स, इंटरव्यू अपने मोबाइल पे कैप्चर कर के फ़ौरन एजेंसी को भेज देता है। फिलहाल पीटीआई के लिए पहले से काम कर रिपोर्टर ही वीडियो मुहैया करा रहे हैं। बाकी आने वाले दिनों में इनका वीडियो डिवीजन अलग से काम करने लगेगा। पीटीआई के वीडियो में आने को नेशनल मीडिया में अच्छे विकल्प के तौर पे देखा जा रहा है। ये पहली बार है जब कोई न्यूज़ एजेंसी वीडियो पे आ रही है। लिहाज़ा आजकल पीटीआई रिपोर्टरों के पास मोजो किट जिसमे माइक आईडी,सेल्फी स्टिक और ट्राइपॉड देखा जा रहा है। मालूम हो कि पीटीआई इनसेट सेटेलाइट पे ट्रांसपोंडर के ज़रिए खबरें मुहैया कराती है। दुनिया के कई मुल्कों में इनके रिपोर्टर हैं। सुनने में आया है के पीटीआई के वीडियो सेवा में आने से एएनआई में भेरियाट मची हुई है।