नई दिल्ली: चीन में स्थित Foxconn के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में Apple iPhone का प्रोडक्शन बड़े स्तर पर किया जाता है लेकिन पिछले कुछ समय से चीन में चल रहे लॉकडाउन और फैक्टरी में कर्मचारियों के विरोध से प्रोडक्शन में काफी समस्या आई है जिस वजह से आईफोन मॉडल के प्रोडक्शन पर काफी असर पड़ रहा है. यही वजह है कि एप्पल अपने आईफोन मॉडल के प्रोडक्शन का कुछ हिस्सा चीन से बाहर लाने की तैयारी में है और इसके लिए केंद्र सरकार ने कई राज्य सरकारों से बात करनी भी शुरू कर दी है.
केंद्र सरकार बातचीत कर राज्य सरकारों से रणनीति तैयार करने के लिए कह रही है जिससे कि स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों के मैन्युफैक्चर क्षमता को बढ़ाया जा सके. सरकार का ये कदम कई हैंडसेट निर्माता कंपनियों के लिए एक आकर्षक निवेश विकल्प बनकर उभर सकता है जो चीन को छोड़ वियतनाम की तरफ अपना रुख कर रहे हैं.
कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्य पहले ही निवेश आकर्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सरकार की प्लानिंग यह है कि इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि अगले पांच वर्षों में Apple के वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग का पांचवां हिस्सा भारत में ही हो.
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि हम सभी राज्य सरकारों के संपर्क में हैं ताकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन मैन्युफैक्चर में अवसरों के बारे में जागरूक किया जा सके, बता दें कि कई राज्यों ने इसमें अपनी रुचि भी दिखाई है.
देश में उत्पादन सुविधाओं को स्थापित करने के साथ-साथ सरकार ग्लोबल प्लेयर्स को भी लुभाने के लिए पॉलिसी इंटरवेंशन पर काम कर रही है. देश में डिवाइस के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए सरकार उन मैन्युफैक्चर के साथ मिलकर काम कर रही है जिन्होंने भारत में निवेश किया हुआ है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र ने पहले ही सभी राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने के कहा है कि मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए जल्द से जल्द काम किया जाए.
चीन में होता है आईफोन का 85 प्रतिशत प्रोडक्शन: मार्केट रिसर्च फर्म काउंटप्वाइंट रिसर्च की बात के अनुसार, चीन में स्थित आईफोन बनाने वाली कंपनी Foxconn का प्लांट 85 फीसदी आईफोन प्रो मॉडल्स का प्रोडक्शन करता है.
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